शीर्ष भारतीय चक्का फेंक एथलीट कृष्णा पूनिया रियो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने में असफल रही. वह अमेरिका में प्रतियोगिता में क्वालीफाइंग मानक तक नहीं पहुंच सकी. राष्ट्रमंडल खेलों में ट्रैक एवं फील्ड में व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाली एकमात्र भारतीय 34 वर्षीय पूनिया रविवार (10 जुलाई) को अमेरिका में अपने अंतिम टूर्नामेंट में 57.10 मीटर चक्का फेंककर पहले स्थान पर रहीं लेकिन वह रियो क्वालीफिकेशन मार्क से काफी नीचे रहा. ओलंपिक क्वालीफिकेशन मार्क 61 मीटर है और रियो ओलंपिक के लिए जगह बनाने की अंतिम तारीख सोमवार (11 जुलाई) तक ही है.
पिछले दो महीनों से पूनिया खेल मंत्रालय की ‘टारगेट ओलंपिक पोडियम’ योजना (टीओपीएस) अमेरिका में ट्रेनिंग कर रही हैं और वहीं प्रतियोगिताओं में भाग ले रही हैं. उनका सर्वश्रेष्ठ प्रयास 59.49 मीटर का रहा है. पूनिया का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ और राष्ट्रीय रिकॉर्ड 64.76 मीटर का है जो उन्होंने 2012 में बनाया था.
उन्होंने 61.51 मीटर के थ्रो से 2010 दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों का स्वर्ण पदक जीता था. पूनिया तीन ओलंपिक 2004, 2008 और 2012 में भाग ले चुकी हैं. वह भारत के उन ट्रैक एवं फील्ड एथलीटों में शामिल हैं जिन्होंने ओलंपिक में किसी स्पर्धा के फाइनल राउंड में क्वालीफाई किया है. वह 2012 लंदन ओलंपिक में छठे स्थान पर रही थीं.
पूनिया ने कहा, ‘मैंने रियो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया लेकिन अंत में मैं ऐसा नहीं कर सकी. मुझे लगता है कि पिछले साल घुटने की सर्जरी के बाद अपना सर्वश्रेष्ठ करने के लिये मुझे वापसी करने का काफी समय नहीं मिला.’ उन्होंने कहा, ‘मैं अब 2018 राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों पर ही ध्यान लगाऊंगी.’