भारत में क्रिकेट सचिन चेंदुलकर के नाम से जाना जाता है. सचिन सिर्फ भारत ही नहीं विश्व के महान खिलाड़ियों में से एक हैं. खुद को महान बनाने और इस मुकाम तक पहुंचने के लिए उन्होंने काफी संघर्ष किया है.

रोचक बात यह है कि आपने सचिन को कभी विकेटकीपिंग करते नहीं देखा होगा मगर तेंदुलकर ये भी कर चुके हैं और साथ ही इस वजह से एक भयानक हादसे का शिकार होते बाल-बाल बचे.

सचिन अपनी आत्मकथा ‘प्लेइंग इट माई वे’ में बताते हैं कि वह मुंबई स्थित शिवाजी पार्क में अपनी टीम की कप्तानी कर रहे थे. उनकी टीम का विकेटकीपर चोटिल हो चुका था. 12 साल के सचिन ने साथी खिलाड़ियों से पूछा कि क्या वो विकेटकीपिंग करना चाहते हैं, तो किसी ने भी हां नहीं कहा. मैंने ये चैलेंज लिया. हालांकि इससे पहले मैंने कभी विकेटकीपिंग में हाथ नहीं आजमाए थे. मैं विकेट के पीछे खुद को काफी असहज महसूस कर रहा था.

सचिन बताते हैं कि, मैं विकेटकीपिंग करने में परफेक्ट नहीं था और तभी एक बॉल मिस हुई और तेजी से मेरी तरफ आई. मैं इससे पहले कुछ करता, बॉल सीधे मेरे चेहरे पर लगी. मुझे काफी गहरी चोट लग गई थी और खून भी काफी बहने लग गया था. मेरी आंख बाल-बाल बची थी.

उस समय मेरे पास इतने रुपए नहीं थे कि टैक्सी लेकर घर चला जाता और बस में बैठकर जाने से भी शर्म आ रही थी. मैंने अपने एक दोस्त से साइकिल पर लिफ्ट मांगी.

भारत की ओर से 463 वनडे खेलने वाले तेंदुलकर ने वनडे में 86.23 की स्ट्राइक के साथ 18,426 रन बनाए हैं. इस दौरान उन्होंने 49 शतक समेत 96 अर्धशतक भी जमाए. वहीं बात अगर टेस्ट की करें तो 200 मैचों में इस खिलाड़ी ने 51 शतक और 68 अर्धशतक की मदद से 15,921 रन बनाए. टेस्ट क्रिकेट में सचिन 2 हजार से ज्यादा चौके लगाने वाले इकलौते खिलाड़ी हैं. उन्होंने टेस्ट मैचों में 2058 चौके जड़े हैं.

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