क्रिकेट बेशक देश का नंबर एक खेल माना जाता है लेकिन प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) ने मात्र चार वर्षों में इतनी लोकप्रियता हासिल कर ली है कि वह क्रिकेट को ही चुनौती देने के लिये तैयार हो गया है.

वीवो प्रो कबड्डी लीग का पांचवां संस्करण जुलाई में बड़े और भव्य पैमाने पर शुरू होने जा रहा है. इसके आयोजकों ने पांचवें संस्करण की तैयारी के लिये आयोजित एक सम्मेलन में विस्तृत रूप से जानकारी ली. इस दौरान लीग से जुड़े हुये अंशधारक और अनुभवी तथा युवा खिलाड़ी भी मौजूद थें.

लीग कमिश्नर अनुपम गोस्वामी ने बताया कि इस बार टूर्नामेंट जुलाई से अक्टूबर तक 13 सप्ताह चलेगा जिसमें 12 टीमें 130 से ज्यादा मैच खेलेंगी. पिछले चौथे सत्र में आठ टीमें थीं और पांच सप्ताह तक 65 मैच खेले गये थे.

जानें पूरा कार्यक्रम

पीकेएल के पांचवें सीजन के कार्यक्रम की घोषणा कर दी गई है. कबड्डी लीग सीजन-5 की शुरुआत 28 जुलाई से हैदराबाद में होगी. इस बार कबड्डी लीग में 12 टीमों को दो जोन में विभाजित किया गया है. प्रत्येक जोन में छह टीमों को रखा गया है.

लीग के पिछले सीजन में दूसरे और तीसरे स्थान पर रही टीमों को जोन-ए में शामिल किया गया है, वहीं जोन-बी में विजेता और चौथे स्थान पर रही टीम को जगह मिली है. इसके अलावा, चार नई टीमों गुजरात, हरियाणा, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश को भी दो अलग-अलग जोन में रखा गया है.

सीजन-5 के कार्यक्रम के तहत प्रत्येक जोन की टीमें अपने-अपने जोन की अन्य टीमों के साथ तीन-तीन मैच खेलेंगी. इस तरह प्रत्येक जोन के अंदर हर टीम कुल 15 मैच खेलेगी. इसके अलावा, दोनों जोन की टीमें एक-दूसरे के साथ एक-एक मैच खेलेंगी. इसके अलावा हर टीम को ड्रॉ के तहत एक मैच खेलना होगा. ऐसे में प्रतियोगिता में शामिल हर टीम को कुल 22 मैच खेलने हैं.

ये सभी मैच हैदराबाद, बेंगलुरू, अहमदाबाद, लखनऊ, मुंबई, कोलकाता, हरियाणा, रांची, दिल्ली, चेन्नई, जयपुर और पुणे में खेले जाएंगे. इस बार पटना के स्थान पर रांची को नए आयोजन स्थल के रूप में चुना गया है. इस लीग में प्रत्येक जोन की शीर्ष तीन टीमें नॉकआउट दौर में खेलेंगी.

क्वालीफायर-1 में जोन-ए की दूसरे स्थान पर रहने वाली टीम का सामना जोन-बी की तीसरे स्थान वाली टीम से होगा, वहीं दूसरे क्वालीफायर में जोन-ए में तीसरे स्थान पर रहने वाली टीम जोन-बी की दूसरे स्थान पर काबिज टीम से भिड़ेगी.

लीग का तीसरा क्वालीफायर दोनों जोन की शीर्ष स्थान पर रहने वाली टीमों के बीच खेला जाएगा. इसमें जीतने वाली टीम सीधे पाइनल में प्रवेश करेगी. इसके अलावा, पहले और दूसरे क्वालीफायर में जीतने वाली टीमें इलिमिनेटर-1 में एक-दूसरे के आमने-सामने होंगी. इसमें इलिमिनटेर की विजेता टीम का सामना तीसरे क्वालीफायर में हारने वाली टीम से होगा.

टूर्नामेंट के क्वालीफायर और इलिमिनेटर-1 मैच मुंबई में खेले जाएंगे. इसके अलावा, इलिमिनेटर-2 और फाइनल मैच चेन्नई में खेला जाएगा. 28 अक्टूबर को लीग का खिताबी मुकाबला होगा.

देश में दूसरा सबसे लोकप्रिय खेल बना कबड्डी

आयोजकों ने सम्मेलन के दौरान कई दिलचस्प आंकड़े दिये जिससे यह साबित होता है कि यह खेल क्रिकेट के बाद देश में टीवी पर देखा जाने वाला दूसरा सबसे लोकप्रिय खेल बन गया है. यह भी दिलचस्प है कि प्रो कबड्डी लीग के अगले पांच साल का टाइटल प्रायोजक चीनी मोबाइल निर्माता कंपनी वीवो है और इसी वीवो कंपनी ने इंडियन प्रीमियर लीग(आईपीएल) के अगले पांच साल के लिये टाइटल अधिकार खरीदे हैं. क्रिकेट और कबड्डी के आंकड़ों का तुलनात्मक अध्ययन किया जाये तो आईपीएल में आठ टीमें अपने 10 सत्र में लगभग 60 मैच खेले जबकि प्रो कबड्डी के पिछले सत्र में आठ टीमों ने 65 मैच खेले थे. 

आईपीएल की बराबरी करती है प्रायोजकों की संख्या

प्रो कबड्डी के पांचवें सत्र में जहां टीमों की संख्या बढ़कर 12 पहुंच गयी है वहां देखना दिलचस्प होगा कि आईपीएल के अगले सत्र में जब चेन्नई, राजस्थान की निलंबित टीमें वापिस लौटेंगीं तो टीमों की संख्या कितनी रखी जाएगी और उनके मैच कितने होंगे. प्रो कबड्डी लीग के आयोजकों ने दर्शक क्षमता और प्रायोजकों को लेकर कुछ आंकड़े भी जारी किये हैं.

टूर्नामेंट के दूसरे सत्र में जहां लीग के पास नौ प्रायोजक थे वहीं पांचवें सत्र में उसके प्रायोजकों की संख्या बढ़कर 24 पहुंच गयी है जो आईपीएल की बराबरी करती है. पिछले साल हुई महिला कबड्डी लीग की टीवी पर दर्शक क्षमता 2016 के यूरो कप फुटबॉल से कहीं अधिक थी. इसके अलावा गत वर्ष अहमदाबाद में हुये कबड्डी विश्वकप को 11 करोड़ 40 लाख लोगों ने टीवी पर देखा था जिससे यह देश का दूसरा सबसे बड़ा खेल बन गया है.

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