विराट कोहली इस वक्त भारत के सबसे चमकते क्रिकेट सितारा है लेकिन उनको भारतीय फैंस से एक बड़ी शिकायत है. कोहली का मानना है कि भारत के प्रशंसकों में सब्र की कमी है और एक नाकामी आपकी महीनों की कामयाबी पर पानी फेर सकती है. इतना ही नहीं कोहली को अपने प्रशंसकों से यह भी शिकायत है कि लोग अक्सर खिलाड़ियों को उनके प्रदर्शन से ज्यादा मैदान के बाहर उनके बर्ताव या रहन-सहन से आंकते हैं.

निजी जिंदगी से आकलन

कोहली ने कहा कि 'जब मैं टीम इंडिया में आया तो मेरे टैटू से लोग मुझे आंकने लगे और मेरी आक्रमकता को लोग गलत तरह से देखने लगे. लेकिन पिछले पांच-आठ सालों में काफी कुछ बदल गया है.' इतना ही नहीं, कोहली को फैंस की इस बात से भी शिकायत है कि लोग उनकी निजी जिंदगी से उन्हें आंकते हैं जो ठीक नहीं है. मैदान पर प्रदर्शन ही खिलाड़ी को मापने का इकलौता पैमाना होना चाहिए.

फिक्सिंग रोकना आसान नहीं

इससे पहले विराट ने क्रिकेट में फिक्सिंग को लेकर भी अपनी राह रखी थी. विराट ने कहा था 'चाहे आप कितने भी कड़े कदम उठा लें, चाहे कितना भी मजबूत सुरक्षा सिस्टम बना लें, लेकिन अगर क्रिकेट में मैच फिक्सिंग या स्पॉट फिक्सिंग को रोकना है, तो इसके लिए एक खिलाड़ी को खुद ही सही फैसले लेने होंगे.'

मोदी के व्यक्तित्व से प्रभावित

भारतीय टीम की रन मशीन के नाम से मशहूर विराट कोहली नरेंद्र मोदी के काफी बड़े फैन नजर आते हैं. विराट कोहली ने कहा कि जब भी वो पीएम मोदी के बारे में सोचते हैं तो उनके दिमाग में सबसे पहली चीज उनका आत्मविश्वास आता है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी का आत्मविश्वास युवा पीढ़ी के लिए काफी अच्छा है.

आक्रामकता अच्छे प्रदर्शन के लिए प्रेरित करती है

अपनी आक्रामकता के लिए जाने जाने वाले विराट का मानना है कि आक्रामता को सही दिशा में इस्तेमाल किया जा सकता है. सभी खिलाड़ियों में आक्रामकता होनी चाहिए. जो काबिलियत आपके पास है, उसमें आपको गर्व होना चाहिए. आक्रामकता मुझे अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करती है.

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