भारत और पाकिस्तान का मैच जब भी होता है तो ऐसा लगता है मानो दोनों देशों के बीच युद्ध हो रहा हो. एशिया कप टी-20 में भी कुछ ऐसा ही दिखा. भारत ने पाकिस्तान को लीग मैच में 5 विकेट से हरा दिया. जीत के जश्न में जहां भारतीय प्रशंसकों ने पटाखे फोड़े वहीं पाकिस्तान में कई जगह टैलीविजन तक तोड़ दिए गए. सोशल मीडिया पर भी कई कमैंट्स किए गए. किसी ने लिखा, ‘नवाज मियां, बच्चा दिल्ली का है, धीरे से मारता है पर लगती जोर से है.’ तो किसी ने लिखा, ‘अफरीदी : विराट कोहली को 100 नहीं बनाने देंगे, मगर कैसे? अफरीदी : हम 90 पर औल आउट हो जाएंगे.’ जेएनयू मामले को जोड़ते हुए भी कई मजेदार टिप्पणियां की गईं.

एशिया कप में भले ही दर्शकों को चौकेछक्के देखने को नहीं मिल रहे हों पर भारतीय खिलाडि़यों का परफौर्मैंस लाजवाब है. भारत के पास जहां अनुभवी खिलाड़ी थे वहीं पाकिस्तान के पास अनुभव की कमी थी पर गेंदबाजी के मामले में पाकिस्तान हमेशा से भारी रहा है. हां, भारतीय बल्लेबाजी के सामने पाकिस्तान कई मामलों में पीछे है. 80 और 90 के दशक की बात करें तो उस समय पाकिस्तान के पास अच्छे बैट्समैन और गेंदबाज भी थे पर अब ऐसा नहीं है. इस दरम्यान पाकिस्तान के खिलाडि़यों का मनोबल भी टूटा है. कई खिलाड़ी फिक्ंिसग मामले में फंसे तो कोई राजनीति का शिकार हो गया. कई बार आतंकवाद के चलते दूसरे देशों से मैच नहीं हो पाया. ऐसे में जाहिर है इस का असर खिलाडि़यों पर पड़ता ही है.

भारतीय टीम भी उस दौरान बेहतरीन थी पर पाकिस्तान के पास अच्छे औलराउंडर थे. उन के पास ऐसे गेंदबाज थे जो तेज गति से गेंद को फेंक सकते थे और रिवर्स स्विंग करा सकते थे पर अब वह बात नहीं. पाकिस्तान को नए सिरे से सोचना होगा तभी वह भारतीय खिलाडि़यों का सामना कर पाएगा अन्यथा उसे ऐसे ही हार झेलनी पड़ेगी.

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