टीम इंडिया के टेस्ट कप्तान विराट कोहली का आत्मविश्वास ही है जो उन्हें आज के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में शामिल करता है. जरा उनके इस कथन पर गौर कीजिए, 'मैं कभी भी औसत क्रिकेटर बनना नहीं चाहता था.' मतलब साफ है वह हमेशा से नंबर वन रहने की चाह रखते रहे हैं और उसी के अनुरूप तैयारी की.

आत्मविश्वास और आखिर तक हार नहीं मानने के अलावा एक और पहलू है जो उनकी कामयाबी की बड़ी वजह है, वह है उनकी फिटनेस. कोहली को सुपरफिट क्रिकेटर माना जाता है. वर्ल्ड नंबर-वन T20 खिलाड़ी कोहली जहां वर्कआउट करते हैं, वहीं अपने खानपान में खासा संयम बरतते हैं.

मैं समझ गया कि टॉप के लिए फिट रहना जरूरी

विराट कोहली ने कहा, "मैं जल्दी ही समझ गया कि अगर मुझे दुनिया के बेहतरीन खिलाड़ियों में शामिल होना है तो मुझे जितना संभव हो फिट रहना होगा."

साल 2012 में कोहली को अहसास हुआ कि कामयाबी के लिए फिटनेस सबसे जरूरी है. लिहाजा उन्होंने इसके लिए कड़ी मेहनत की.

आज फिटनेस हाईटेक हो चुकी है. भारतीय क्रिकेटर भी फिट रहने के लिए तकनीक का सहारा ले रहे हैं.

आधुनिक तकनीक का सहारा

विराट कोहली कहते हैं, "हम जीपीएस उपकरण का प्रयोग करते हैं. इस डिवाइस से किसी के शरीर की क्षमता को समझा जा सकता है. शरीर की गतिविधियों को जाना जा सकता है. जिस स्तर का क्रिकेट हम खेलते हैं उसमें ऐसे उपकरण बेहद मददगार होते हैं."

जरूरत के अनुसार तय किया खाना

कोहली ने कहा, "शुरू में मैं ज़्यादा सेहतमंद खाना नहीं खाता था. पंजाबी परिवार से हूं इसलिए पराठे और मक्खन जैसा खाना खाते बड़ा हुआ. आपको अपने फिटनेस लेवल, खाना या फिर वर्कआउट में बदलाव लाते समय अपने शरीर को समझना जरूरी होता है.

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