क्रिकेट मैदान पर खिलाड़ियों के अलावा दो ऐसे व्यक्ति होते हैं जिनका रुतबा कुछ अलग ही होता है. उनके बिना मैदान पर कोई निर्णय नहीं लिया जा सकता है. वह जो भी निर्णय लेते हैं दोनों टीमों के खिलाड़ियों को उसे स्वीकारना ही होता है. ये दो दिग्गज व्यक्ति और कोई नहीं बल्कि अंपायर होते हैं.
कुछ क्रिकेट प्रेमी ऐसे भी होते हैं जो अंपायरिंग को अपना प्रोफेशन बनाना चाहते हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय अंपायर बनने के लिए क्या योग्यता चाहिए होती हैं व इसकी प्रक्रिया से वे अपरिचित होते हैं.
अंपायरों की जीवनशैली भी बड़ी गजब होती है, उन्हें सालाना वेतन के अलावा हर मैच की फीस भी दी जाती है. अगर आप भी क्रिकेट अंपायरिंग में करियर बनना चाहते हैं तो हम बताते हैं आपको बताते हैं अंपायरिंग से जुड़ी कुछ बातें.
क्रिकेट अंपायर का काम
क्रिकेट अंपायर सुबह 9 बजे क्रिकेट स्टेडियम में पहुंचते हैं और सुबह 10 बजे टीम के अधिकारियों से पिच की तैयारियों के बारे में बातचीत करते हैं. इसके बाद 11 बजे सुबह मैदान में एक चक्कर लगाकर घोषणा करते हैं कि खेल कितने बजे शुरू होगा और कितने बजे खत्म.
इसके अलावा खेल शुरू होने के साथ अंपायर खिलाड़ी के आउट होने, छक्के, चौके, वाइड, नो बॉल, आदि की जानकारी विभिन्न इशारों से देते हैं. इसके अलावा अगर खिलाड़ी को रौशनी से समस्या हो रही होती है तो वह इस संबंध में स्क्वेयर लेग अंपायर से बातचीत करते हैं.
अंपायर बनने के लिए योग्यता
अंपायर बनने के लिए क्रिकेट के 42 नियमों को जानना आवश्यक है. खेल की बेहतरीन समझ होनी चाहिए. एक अच्छा व्यवस्थापक होना चाहिए जो मैदान में हर बिगड़ती बात को आराम से संभाल सके. साथ ही किसी भी परिस्थिति में शांत रहने वाला होना चाहिए. गुस्सैल व्यक्ति अंपायर नहीं बन सकता.