मौजूदा चैंपियन हिना सिद्धू ने दिसंबर में तेहरान में होने वाले एशियन एयरगन शूटिंग चैंपियनशिप से अपना नाम वापस ले लिया है. इसके पीछे की वजह इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान में महिलाओं के हिजाब का ड्रेस कोड में शामिल होना है.

हिना ने एक अंग्रेजी अखबार से कहा, 'टूरिस्ट अथवा विदेशी मेहमानों को हिजाब पहनने के लिए जबर्दस्ती करना खेल भावना के विरुद्ध है. मुझे यह पसंद नहीं इसलिए मैंने अपना नाम वापस ले लिया.'

हिना से जब पूछा गया कि आखिर जब अन्य निशानेबाजों ने इस नियम को मानते हुए शूटिंग चैंपियनशिप में भाग लेने का फैसला कर लिया है तो आखिर वह ऐसा क्यों नहीं कर सकतीं. तो उन्होंने इसे निजी पसंद का मसला बनाया.

इस भारतीय पिस्टल शूटर ने कहा, 'आप अपने धर्म का पालन कीजिए, मुझे मेरा धर्म मानने दीजिए. अगर आप अपनी धार्मिक मान्यताओं को मुझे मानने के लिए विवश करेंगे तो मैं इस प्रतियोगिता में भाग नहीं लूंगी.'

3 से 9 दिसंबर के बीच होने वाली इस प्रतियोगिता के आयोजकों ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर साफ कर दिया है, 'शूटिंग रेंज और सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं के कपड़े इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान के नियम-कायदों के तहत होने चाहिए.'

यह पहली बार नहीं है जब हिना ने ईरान में होने वाली किसी प्रतियोगिता से अपना नाम वापस लिया है. वह पहले भी ऐसा कर चुकी हैं. कई इस्लामिक देशों की यात्रा कर चुकीं हिना ने कहा, 'जी, मैं पहले भी एक बार ऐसा कर चुकी हूं. करीब दो साल पहले भी मैंने इसी कारण से ईरान न जाने का फैसला किया था. सिर्फ ईरान ऐसा करता है. और किसी देश में ऐसा नहीं होता.'

नई दिल्ली में हुए प्रतियोगिता के पिछले संस्करण में हिना ने गोल्ड मेडल हासिल किया था. इसके साथ ही उन्होंने भारत को टीम गोल्ड जीतने में भी मदद की थी. इस प्रतियोगिता में भारत ने कुल मिलाकर 17 पदक जीते थे.

हिना ने कहा कि उन्होंने करीब तीन हफ्ते पहले ही नैशनल राइफल असोसिएशन ऑफ इंडिया को अपने फैसले से अवगत करा दिया है. उन्होंने कहा, 'मैंने असोसिएशन को 20 दिन पहले ही पत्र लिखकर इस बारे में बता दिया था.'

उनके स्थान पर 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में हरवीन सराओ को भेजा जा रहा है. इसके अलावा एयर पिस्टल टीम में रुचिका विनरेकर और सर्वेश तोमर को भी भेजा जाएगा.

इस बीच, राइफल असोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह का कहना है कि भारतीय निशानेबाजों ने हमेशा ईरानी परंपराओं का सम्मान किया है. उन्होंने कहा, 'ईरानी शूटिंग फेडरेशन के साथ हमारे संबंध अच्छे हैं और हम वहां की संस्कृति और परंपराओं का सम्मान करते हैं. ईरान जाने वाली सभी महिलाएं चाहें वे यात्री हों या फिर डिप्लोमैट सभी हिजाब पहनती हैं. हिना को छोड़कर अन्य सभी भारतीय महिला शूटर्स ने इस फैसले को स्वीकार किया है.

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