जब बड़े खेल के आयोजन होते हैं और वे भी रियो ओलिंपिक जैसे खेल हों तो खिलाडि़यों पर तनाव वैसे भी हावी रहता है पर महिला खिलाडि़यों को तब और तनाव झेलना पड़ता है जब वे माहवारी से गुजर रही होती हैं. लेकिन चीन की 20 वर्षीया तैराकी चैंपियन फू युआनहुई ने माहवारी के बारे में जब खुल कर बात की तो सोशल मीडिया में रातोंरात सनसनी फैल गई. वह इस प्रतियोगिता में चौथे नंबर पर रही. खेल से ठीक 1 दिन पहले ही उसे माहवारी आई थी और वह थकान महसूस कर रही थी, इसलिए ठीक से तैर नहीं पाई. सोशल साइट्स पर कई समर्थकों ने फू के बारे में लिखा कि माहवारी के दौरान तैराकी करना वाकई कठिन है लेकिन इस के लिए फू प्रशंसा के काबिल है.
इस के बाद महिला खिलाडि़यों के माहवारी की वजह से प्रदर्शन पर पड़ने वाले असर पर चर्चा शुरू हो गई. दरअसल, महिलाएं अपने पीरियड्स के बारे में ज्यादा बात नहीं करतीं और जब कोई पुरुष कोच हो तो उस के सामने तो कतई नहीं. चाहे वह देश हो या विदेश, इस बात में वे झिझक महसूस करती हैं. इस बारे में लंबेचौड़े रिसर्च भी नहीं हुए हैं. पीरियड्स के दौरान वैसे भी महिलाएं कुछ चिड़चिड़ी रहती हैं, इस से उन में मानसिक तौर पर असर होना लाजिमी है. जहां तक टैंपन लगाने की बात है तो चीन में महज 2 प्रतिशत महिलाएं ही इस का इस्तेमाल करती हैं जबकि अमेरिका में 42 प्रतिशत महिलाएं इस का इस्तेमाल करती हैं. टैंपन के बारे में माना जाता है कि टैंपन लगाने से महिलाओं की वर्जिनिटी समाप्त हो जाती है. लेकिन जानकारों का मानना है कि ऐसा कुछ भी नहीं है.