दुनिया में कई ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने अपने हाथ और पैर किसी ना किसी एक्सीडेंट में गवां दिए, लेकिन जब दुनिया और समाज वालों को लगा कि अब वो अपनी जिंदगी में कुछ नहीं कर सकते तो उन्होंने उसी समाज और दुनिया के सामने एक ऐसी नई मिसाल पैदा की जिसके कारण आज भी पूरी दुनिया उनकी कायल हो चुकी है.

कुछ ऐसी ही कहानी है भारत के तीरंदाज अभिषेक सुनील थावड़े की. अभिषेक अपने हाथों से नहीं बल्कि अपने मुंह से तीरंदाजी करते हैं. आइए आज हम आपको बताते है, भारत के नए अर्जुन के बारें में.

जब अभिषेक एक साल के थे, तब उनका दायां हाथ पोलियो के कारण खराब हो गया था, डॉक्टर ने उन्हें गलत इंजेक्शन लगा दिया था, जिसके कारण वो उम्र भर के लिए अपाहिज हो गए. तब से ही जीवन उनके लिए एक संघर्ष बन गया. अभिषेक ने स्पोर्ट्स को अपनी जिन्दगी का हिस्सा बना लिया, उन्होंने दौड़ में कई मेडल्स जीते, इसके अलावा उन्होंने लॉन्ग जम्प में भी खूब सराहना प्राप्त की, इस तरह वो एक राष्ट्रिय स्तर के एथलीट बन गएं

जब सब ठीक होने लगा, तो फिर अभिषेक के साथ एक दुर्घटना हो गयी, उनके सीधे पैर के घुटने का ऑपरेशन करना पड़ा, इसके बाद डॉक्टर्स ने उन्हें भागने के लिए मना कर दिया, फिर भी अभिषेक ने हार नहीं मानी और एक दूसरे स्पोर्ट का रुख कर लिया. अपने एक करीबी दोस्त को देख कर उनकी रूचि तीरंदाजी में हो गयी, तीरंदाजी का उपकरण काफी भारी होता है, जिसे एक हाथ से उठाने में उन्हें दिक्कत आती थी.

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