भारत दौरे पर एकमात्र टेस्ट मैच खेलने आई बांग्लादेश को भारत ने 208 रन से हरा दिया. यह भारत की लगातार छठी सीरीज जीत है. इसके अलावा विराट कोहली के नेतृत्व में टीम इंडिया पिछले 19 मैचों से अजेय हैं. इस जीत के साथ भारतीय कप्तान विराट कोहली ने सुनील गवासकर के रिकॉर्ड को तोड़ दिया. गवासकर के नेतृत्व में टीम इंडिया 18 टेस्ट मैच तक अजेय रही थी. वहीं विराट कोहली के नेतृत्व में टीम इंडिया ने पिछले 19 टेस्ट से हार का मुंह नहीं देखा है.
क्रिकेट इतिहास में भारतीय टीम के नाम कई ऐतिहासिक जीत दर्ज हैं. तो आइए जानें, टेस्ट मैचों में भारत की ऐसी ही 10 बड़ी जीतों के बारे में…
भारत-इंग्लैंड
24 अगस्त, 1971 को भारत को इंग्लैंड में पहली टेस्ट जीत हासिल हुई थी. टीम इंडिया ने यह मुकाबला इंग्लैंड के ओवल में जीता था, जहां अजीत वाडेकर की कप्तानी में टीम इंडिया ने इंग्लैंड को 4 विकेट से मात दी थी. भारत ने ऐसी टीम को मात दी थी, जो लगातार 26 टेस्ट मैचों में अजेय रही थी.
भारत-पाकिस्तान
1980 के दशक में भारत ने कुल 8 टेस्ट मैचों में विजय हासिल की. इनमें से पहली जीत टीम इंडिया ने जनवरी, 1980 में पाकिस्तानी टीम को 10 विकेट से परास्त कर हासिल की थी. कपिल देव ने पाक टीम के चार विकेट चटकाकर 272 रनों पर ही समेट दिया. इसके बाद उन्होंने 98 गेंदों में 84 रन की पारी भी खेली. सुनील गावस्कर ने 166 रन जड़े थे.
भारत-पाकिस्तान
7 फरवरी, 1999 को दिल्ली के फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में अनिल कुंबले पाकिस्तान के सभी 10 विकेट चटकाकर यह कारनामा करने वाले दुनिया के दूसरे गेंदबाज बन गए थे. टेस्ट सीरीज के इस दूसरे टेस्ट में जीत हासिल कर भारत के पास सीरीज ड्रॉ कराने का मौका था. पाकिस्तान के पास 420 रन का टारगेट था. आखिरी दिन पाक ने मैच ड्रॉ कराने की पूरी कोशिश की, लेकिन वह असफल रहा और भारत को 19 साल बाद अपने चिर प्रतिद्वंदी पर जीत हासिल हुई.
भरत-ऑस्ट्रेलिया
2001 में कोलकाता के ईडन गार्डन में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए मैच में भारत ने पहली पारी में फॉलोआन खेलने के बावजूद जीत हासिल की. इस मैच को वीवीएस लक्ष्मण की 281 रन की शानदार पारी और हरभजन सिंह की हैट्रिक के लिए जाना जाता है.
भारत-इंग्लैंड
हेडिंग्ले में 2002 में खेले गए मैच में भारत ने इंग्लैंड को पारी और 46 रन से मात दी. इस मुकाबले मे तिकड़ी कहे जाने वाले राहुल द्रविड़, सचिन तेंदुलकर और सौरभ गांगुली ने क्रमश: 148, 193 और 128 रन बनाए. भारत ने पहली पारी में 628 रन बनाए और इंग्लैंड की टीम इस लक्ष्य को दोनों पारियों में खेलकर भी हासिल नहीं कर सकी.
भारत-ऑस्ट्रेलिया
2003 में एडीलेड में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की जीत को विदेश धरती पर सबसे बड़ी जीतों में से एक माना जाता है. इस मुकाबले में भी राहुल द्रविड़ और लक्ष्मण की जोड़ी ने गजब का खेल दिखाया. द्रविड़ ने इस मैच में 248 रन की बड़ी पारी खेली, जबकि लक्ष्मण ने 148 रन का स्कोर बनाया. दोनों ने यह पारियां ऑस्ट्रेलियाई टीम के 556 रन के विशाल स्कोर के जवाब में 85 रन पर ही भारत के 4 विकेट गिरने के बाद खेली थी. दूसरी पारी में जीत के लिए भारत को 230 रन का लक्ष्य मिला था, जिसे भारत ने आसानी से हासिल कर लिया.
भारत-पाकिस्तान
मार्च, 2004 में मुल्तान में पाकिस्तान को भारत ने पारी और 72 रन से परास्त किया था. इस मुकाबले में पहली पारी में भारत ने 675 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया था. इसमें सहवाग की 309 रन की रेकॉर्ड पारी की बड़ी भूमिका थी. इस पारी के बाद ही उन्हें 'मुल्तान का सुल्तान' कहा जाने लगा.
भारच-साउथ अफ्रीका
ईडन गार्डन में साउथ अफ्रीका के खिलाफ 2004 में खेले गए मैच में हरभजन की फिरकी ने एक बार फिर कमाल किया. हरभजन ने साउथ अफ्रीका की दूसरी पारी में 7 विकेट चटका दिए. इसका ही कमाल था कि भारत को जीत के लिए महज 117 रन का लक्ष्य मिला, जिसे भारत ने दो विकेट गंवाकर ही हासिल कर लिया.
भारत-इंग्लैंड
2008 में चेन्नई में इंग्लैंड के खिलाफ मुकाबले में साउथ अफ्रीका को उलटफेर का शिकार होना पड़ा. इस मुकाबले में भारत ने 387 रनों का विशाल लक्ष्य हासिल कर जीत दर्ज की.2010 में मोहाली में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वीवीएस लक्ष्मण ने एक बार फिर कमाल करते हुए 73 गेंदों पर नाबाद 79 रन की पारी खेली. उनकी इस पारी के चलते ही भारत ने इस नाटकीय उतार-चढ़ाव वाले मुकाबले मे नौवें विकेट के लिए लक्ष्मण और इशांत शर्मा के बीच हुई 81 रनों की साझेदारी ने भारत को एक विकेट से जीत दिला दी.