भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी को मैदान पर 'कैप्टून कूल' कहा जाता है. जाहे मैच में परिस्थिति कोई भी हो मैदान में धोनी हमेशा कूल रहते हैं. लेकिन कभी-कभी धोनी भी अपना आपा खो देते हैं. ऐसा ही एक वाक्या हुआ था 2013 में जब अंपायर के फैसले से धोनी खुश नहीं थे. इतना ही नहीं धोनी की बात सुन अंपायर मैदान पर नर्वस भी हो गए थे.

यह बात 2013 की है, जब इंग्लैंड और भारतीय टीम के बीच मोहाली में वन डे मैच खेला जा रहा था. इस मैच में ईशांत शर्मा की एक गेंद इंग्लैंड के बल्लेबाज केविन पीटरसन के पैड पर जाकर लगी थी और उसके बाद भारतीय टीम ने बहुत विश्वास के साथ एलबीडब्ल्यू की अपील की, जिसमें धोनी भी काफी उत्साहित थे, लेकिन अंपायर सुधीर असनानी ने उन्हें आउट नहीं दिया.

धोनी भी अंपायर के फैसले से नाखुश थे और फैसले को लेकर अंपायर से सवाल पूछ बैठे. उस पल को याद करते हुए असनानी ने कहा कि धोनी ने फैसले पर सवाल उठाया था और मैंने उनसे कहा था कि गेंद औफ स्टंप से बाहर जा रही थी. फैसला सुनने के बाद भी धोनी खुश नहीं थे और वो वापस विकेट कीपिंग के लिए चल पड़े. धोनी के इस बर्ताव के बाद अंपायर असनानी को मैच में ध्यान लगाने में दिक्कत हो रही थी.

मैच में ड्रिंक के समय चौथे अंपायर अनिल चौधरी मैदान पर आए और उन्होंने असनानी से कहा कि आपका फैसला सही था और हर कोई तारीफ कर रहा है. दोनों की बातों को धोनी भी सुन रहे थे और फिर धोनी ने असनानी की तरफ इशारा करते हुए कहा 'वन प्लस असनानी'  (बेहतरीन फैसला) क्योंकि गेंद औफ स्टंप से भी काफी दूर थी.

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