आज के दौर में क्रिकेट खेल से ज्यादा एंटरटेनमेंट बन चुका है. टी20 और आईपीएल के आने के बाद तो इस खेल की शोहरत और बढ़ चुकी है. मैदान के चारों तरफ जब तक चौके-छक्के न लगे, तब तक दर्शकों को मजा नहीं आता. लेकिन क्रिकेट के इतिहास में ऐसे भी खिलाड़ी हुए हैं, जिन्होंने अपने पूरे वनडे करियर में एक भी छक्का नहीं लगाया.

आपने अब तक ऐसे बल्लेबाज के बारे में बहुत सुना होगा जिनके बल्ले से सबसे ज्यादा छक्के निकले हो, लेकिन आज हम आपको बताने वाले हैं उनके बारे में जिन बल्लेबाजों ने वनडे में नहीं लगाया एक भी छक्का.

मनोज प्रभाकर, भारत

इस औलराउंडर ने भारत की ओर से 1984-1996 तक क्रिकेट खेला था. हालांकि प्रभाकर भारतीय टीम के फास्ट बौलर थे, लेकिन बल्ले से भी कई बार उन्होंने कामयाबी का स्वाद चखा है. टीम इंडिया के लिए प्रभाकर ने कई मौकों पर ओपनिंग की. दिल्ली के इस खिलाड़ी ने 39 टेस्ट मैच खेले, जिसमें उन्होंने 33 से कम की औसत से 1600 रन बनाए. वहीं 130 वनडे मैचों में उन्होंने 1858 रन बनाए, जिसमें 2 शतक और 11 अर्धशतक शामिल है. वह 1987, 1992 और 1996 वर्ल्ड कप टीम का हिस्सा भी रहे हैं. इतने लंबे वनडे करियर के बावजूद उन्होंने कभी एक छक्का नहीं लगाया.

थिलन समरवीरा, श्रीलंका

महेला जयवर्धने और कुमार संगकारा के सपोर्ट में खेलते रहे समरवीरा. उन्होंने 81 टेस्ट मैचों में 5462 रन बनाए. वनडे में हालांकि वह इस कामयाबी को दोहरा नहीं पाए. उन्होंने 12 साल में सिर्फ 53 वनडे ही खेले. इस दौरान वह केवल 862 रन ही बना पाए. और इन 42 पारियों में वह कोई छक्का नहीं लगा पाए.

जैफ्री बायकाट, इंग्लैंड

इंग्लैंड के सबसे महान खिलाड़ियों में से एक जैफ्री बायकाट को टेस्ट क्रिकेट में उनकी पारियों के लिए याद किया जाता है. उन्होंने 36 वनडे मैच खेले लेकिन कभी छक्का नहीं जड़ा. उन्होंने एक शतक और 9 अर्धशतक की मदद से वनडे क्रिकेट में 1000 से ज्यादा रन बनाए हैं.

कैलम फर्ग्युसन, आस्ट्रेलिया

आस्ट्रेलिया के इस खिलाड़ी ने साल 2009 में डेब्यू किया था और 30 वनडे मैच खेले. अपने अब तक के करियर में उन्होंने 40 से ज्यादा की एवरेज से 5 हाफ सेंचुरी की मदद से 663 रन बनाए हैं. उनकी 85 की स्ट्राइक रेट बताती है कि वह कहीं से भी धीमा खेलने वाले खिलाड़ी नहीं थे. लेकिन फिर भी वह कभी वनडे में छक्का नहीं लगा पाए.

डियोन इब्राहिम, जिम्बाब्वे

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में इस खिलाड़ी ने जिम्बाब्वे की ओर से साल 2001 में डेब्यू किया था. उनका करियर खास टेक औफ नहीं ले सका. 29 टेस्ट के अलावा उन्होंने 82 वनडे मैच खेले, जिसमें उन्होंने 1443 रन बनाए. उनका औसत मात्र 20 का था. उन्होंने एक बांग्लादेश के खिलाफ 121 रन बनाए थे. वनडे में उन्होंने 4 अर्धशतक जड़े हैं, लेकिन कभी आगे बढ़कर गेंद को सीमा पार नहीं पहुंचाया. यही हाल उनका टेस्ट क्रिकेट में भी रहा.

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