दक्षिण अफ्रीका की क्रिकेट टीम के कप्तान रह चुके ग्रीम स्मिथ जब जगमोहन डालमिया सालाना कौन्क्लेव में हिस्सा लेने आए तो उन्होंने माना कि टैस्ट क्रिकेट में इस्तेमाल की जाने वाली गेंद की क्वालिटी का रोल बड़ा अहम होता है.

शुक्रवार, 2 दिसंबर, 2018 को आयोजित हुई इस कौन्क्लेव में ग्रीम स्मिथ का मानना था कि लाल गेंद के इस खेल में कूकाबुरा गेंद टैस्ट क्रिकेट को खत्म कर रही है. ग्रीम स्मिथ ने बताया, 'कूकाबुरा गेंद खेल को मार रही है. मैं अपनी राय रखूं, तो टैस्ट क्रिकेट में गेंद बहुत बड़ा मुद्दा है.'

ग्रीम स्मिथ ने हाल ही में भारत में मचे ड्यूक गेंद के हंगामे पर कहा, 'मैं ने देखा है कि कुछ खिलाड़ी एसजी गेंद की शिकायत कर रहे हैं. ठीक उसी तरह कूकाबुरा की गेंद भी लोगों को निराश कर रही है. कूकाबुरा की गेंद अब ऐसी बनती है कि वह लंबे समय तक सख्त नहीं बनी रहती और इस के चलते लंबे समय तक वह गेंद स्विंग नहीं हो पाती.

टैस्ट क्रिकेट अब ड्रा से अपने वजूद को नहीं बचा सकता. टैस्ट क्रिकेट में नतीजे आएं, इस के लिए जरूरी है कि गेंद में स्विंग और स्पिन बनी रहे. गेंद में हमेशा ऐसा कुछ रहना चाहिए, जिस से वह हवा में भी हरकत करती रहे. बल्ले और गेंद के बीच एक तरह की होड़ बनी रहने पर ही टैस्ट क्रिकेट की प्रासंगिकता बनी रह सकती है.

टैस्ट क्रिकेट कमजोर टीमों की पोल खोल कर रख देता है. 30 गेंदों में 70 रन बना कर आप क्रिकेट के छोटे फौर्मेट में तो जीत सकते हैं लेकिन टैस्ट क्रिकेट में नहीं. यहां एक अलग ढंग की चुनौती होती है.'
टैस्ट क्रिकेट के रोमांच में आ रही कमी को ले कर उन्होंने कहा, 'इस की अहम वजह यह भी है कि हम ने कुछ शानदार टीमों को खो दिया है. मैं मानता हूं कि क्रिकेट के सभीफौर्मेट में बराबर की चुनौती रहनी चाहिए, तभी यह खेल अपना वजूद बनाए रह सकता है.

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