खूबसूरत भौगोलिक दृश्य रखने वाले हिंद महासागर में स्थित मालदीव देश इन दिनों चर्चा में है. मालदीव पानी के नीचे के दृश्यों और साफ पानी के कारण दुनिया के सर्वश्रेष्ठ मनोरंजक गोताखोरी स्थलों में से एक माना जाता है. पूरे द्वीपों में 60 से अधिक गोतास्थल हैं. एक वैश्विक सर्वेक्षण के अनुसार, इसे दुनिया का सब से वांछित हनीमून स्थल भी बताया गया है.
मालदीव में लगभग 1,190 मोंगिया द्वीप शामिल हैं, जो उतरदक्षिण दिशा के बराबर 26 प्रवाल द्वीपों की दोहरी चेन में संगठित हैं. यह लगभग 90,000 वर्ग किलोमीटर में फैला है.

पर्यटन प्रेमियों की पसंद

मालदीव का मुद्दा इन दिनों चर्चा में है. इस की खूबसूरती को ले कर भी बातें हो रही हैं. वहीं, मालदीव की टैंशन भी बढ़ने लगी है, दरअसल, वहां का पर्यटन भारतीय पयर्टकों से गुलजार होता है लेकिन कुछ वादविवाद की वजह से सैलिब्रिटीज से ले कर टूरिज्म डिपार्टमैंट सभी ने मिल कर मालदीव का बहिष्कार किया है.

इस से भारत के टूरिज्म को कुछ फर्क नहीं पड़ेगा. लेकिन दावा किया गया है कि मालदीव जैसे छोटे देश को फर्क अवश्य पड़ेगा क्योंकि भारत की अधिकतर आबादी वर्किंग क्लास युवाओं की है, जिस की एक बड़ी संख्या पर्यटन के लिए विदेश जाने में आज समर्थ और उत्सुक रहती है.

व्यस्त जीवनशैली से निकल कर वे सुकून के कुछ पल बिताने में विश्वास रखती है, यही वजह है कि सिंगल टूरिज्म, लेडी ग्रुप टूरिज्म, सीनियर सिटीजन टूरिज्म, ग्रुप टूरिज्म आदि को पिछले कुछ सालों में बढ़ावा मिला है.

पर्यटन पर नहीं पड़ेगा असर

मीडिया के हल्ले की तर्ज पर इस बारे में झेलम अमित चौबल केसरी टूर्स प्राइवेट लिमिटेड के डायरैक्टर झेलम केसरी कहती हैं कि कोविड-19 महामारी के बाद मालदीव के लिए पर्यटन प्रमुख बाजार के रूप में भारत उभरा है. उस समय जब सभी देशों के दरवाजे पर्यटन के लिए बंद थे, उस समय भारत से अधिकतर पर्यटक मालदीव गए.

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