22 सितंबर को उत्तर प्रदेश के हाथरस से नरबलि की हैरान करने वाली घटना सामने आई, जहां सहपऊ क्षेत्र के गांव रसगवां के एक स्कूल में 8 साल के मासूम बच्चे कृतार्थ कुशवाह, जो उसी स्कूल में दूसरी कक्षा में पढ़ता था, की स्कूल प्रबंधकों ने बंधक बना कर हत्या कर दी.
पुलिस जांच में स्कूल के पीछे लगाए गए नलकूप से तंत्रमंत्र का सामान मिला, जिस से पुष्टि भी हुई कि स्कूल में काफी समय से तंत्रमंत्र की प्रैक्टिस की जाती थी. और इसी संबंध में कृतार्थ की बलि देने का प्लान भी बनाया गया था. स्कूल प्रबंधक का मानना था कि नरबलि देने से उन के स्कूल की तरक्की होगी. इस मामले में 5 लोगों को आरोपी बनाया गया, जिन में स्कूल संचालक शामिल है.
हम विश्वगुरु बनने का ढोल पीट रहे हैं जबकि देश की बड़ी आबादी अंधविश्वास, तंत्रमंत्र और टोनाटोटका से बाहर नहीं निकल पा रही. समाज में यों तो तरहतरह के अंधविश्वास फैले हुए हैं मगर किसी अंधविश्वास के कारण यदि किसी की जान ले ली जाए तो इसे न्यायोचित कतई नहीं कहा जा सकता. अंधविश्वास के शिकार केवल पिछड़े और कम पढ़ेलिखे लोग ही नहीं, बल्कि पढ़ेलिखे लोग भी हो रहे हैं. तंत्र, मंत्र, साधना से रुपए बनाने का लालच दे कर एक नौजवान की नरबलि देने का एक ताजा मामला हाल ही में मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले में देखने को मिला है.
मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के सिमरिया गांव में रहने वाला 22 साल का नौजवान अंकित कौरव किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित था. डाक्टरी इलाज के साथ वह गांव में झाड़फूंक करने वाले एक तांत्रिक के झांसे में आ गया. नागपुर में इलाज कराने के साथ ही वह झाड़फूंक का सहारा ले रहा था. जब वह बीमारी से ठीक हो गया तो उसे लगा कि तांत्रिक की झाड़फूंक ने उसे ठीक कर दिया है. इसी बीच, अंकित के बहनोई भी बीमारी से पीड़ित हो कर महीनों अस्पताल में भरती रहे जिस से काफी रुपए इलाज में खर्च हो गए. पैसों की तंगी से जूझ रहे इस नौजवान के पिता एक किसान हैं.