Wedding Show-Off Trend: भव्य शादियों के इस दौर में प्यार से ज्यादा दिखावा बड़ा प्रतीक बन गया है. लोग रिश्तों से ज्यादा रुतबा बचाने में जुटे हैं. लोन ले कर, पूंजी गंवा कर, समाज को प्रभावित करने के मोह में डूब कर जब शादी का मतलब प्रतिस्पर्धा में बदल जाए तो क्या वाकई वह जश्न कहलाने लायक रह जाता है?
निया और रजत दोनों एक अच्छी कंपनी में जॉब करते हैं. दोनों एक-दूसरे को 2 साल से डेट कर रहे थे. वे अपनी शादी इतनी शानदार तरीके से करना चाहते थे कि लोग उन की शादी को वर्षों तक याद रख सकें. सो, उन्होंने अपनी शादी के लिए बैंक से लोन लिया और अपनी सारी जमापूंजी भी निकाल दी, ताकि वे अपनी शादी भव्य तरीके से कर पाएं. हुआ भी ऐसा ही. लोगों ने उन की इस भव्य शादी और लजीज खानपान की जी भर कर तारीफ की. महीनों तक उन के दोस्तों और रिश्तेदारों के बीच उन की भव्य शादी की चर्चा होती रही. आज उन की शादी को 3 साल हो चुके हैं. अब लोग शायद उन की शादी को भूल भी चुके होंगे लेकिन वे आज भी बैंक का लोन चुका रहे हैं, जो उन्होंने अपनी शादी पर लिया था.
एक व्यक्ति, जो कपड़े के व्यापारी थे, शहर में उन की खुद की दुकान थी. कपड़े का बिजनेस बहुत अच्छा चल रहा था. उन्होंने सोच रखा था कि वे अपनी इकलौती बेटी की शादी बहुत ही धूमधाम से करेंगे. इसलिए बेटी की शादी के लिए उदयपुर में महल बुक कराया. एक ही बेटी थी उन की. जाति-समाज को दिखाना था कि उन्होंने अपनी बेटी की शादी कितने शानदार ढंग से की. अपनी बेटी की शादी के लिए उन्होंने अपनी सारी जमापूंजी निकाल दी, रिश्तेदारों से कर्ज भी लिया ताकि बेटी की शादी में कोई कमी न रहने पाए. उन्होंने जैसा सोचा था वैसा ही हुआ लेकिन बैंक और रिश्तेदारों का पैसा चुकाते-चुकाते उन की कपड़ों की दुकान बिक गई.
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