उत्तर प्रदेश से गायब हुए बच्चे का पांच साल के बाद जब असम में होने का पता चला तो माता – पिता के आंखों में खुशी के आंसू आ गए. कितनी खुशी हुई होगी उन्हें कि उनके जिगर का दुकड़ा मिल गया जिसे पाने की उम्मीद वो खो बैठे थे. उस मां की सूनी हुई कोख एक बार फिर से भर गई. लेकिन ऐसा एक ऐप के जरिए हुआ जिसने एक खोए हुए बच्चे को उसके माता- पिता से मिला दिया. दरअसल तेलंगाना पुलिस ने उत्तर प्रदेश से पांच साल पहले लापता हुए एक बच्चे के चेहरे की पहचान की और जिस ऐप की मदद से ये पहचान हो पाई उसका नाम है ‘दर्पणह्ण’ इसे दर्पण भी कहते हैं. तेलंगाना पुलिस ने बताया कि इस बच्चे की पहचान कर उन्होंने बड़ी कामयाबी हासिल की है. दरअसल उस बच्चे का नाम सोम सोनी है और यह बच्चा 14 जुलाई 2015 में प्रयागराज के हंडिया में लापता हो गया था. उसके परिवार ने उसे ढ़ूढ़ने की काफी कोशिश लेकिन वो नहीं मिला कुछ समय बाद तो परिवार ने भी मान लिया कि शायद अब उनका बच्चा उन्हें कभी नहीं मिलेगा.

यहां जिस ऐप की बात हो रही है यानी कि ‘दर्पणह्ण’ यह ऐप लापता लोगों के फोटो को देखकर पहचान बता देता है.इस बच्चे की पहचान भी कुछ इसी तरह हुई है.दरअसल तेलंगाना की पुलिस महानिदेशक स्वाति लाकड़ा ने बताया कि असम के ग्वालपाड़ा में एक बाल गृह से इस बच्चे का पता चला. जब 2015 में ये बच्चा गायब हुआ था तब ग्वालपाड़ा की पुलिस की इस बच्चे पर नज़र पड़ी और उन्होंने इसे इस बाल कल्याण केंद्र में भेज दिया था. वहां पर लापता बच्चों की फोटो रखी जाती है और जब उस लापता बच्चे की फोटो को बाल कल्या केंद्र के बच्चों की फोटो से मिलान किया गया तब जाकर उस बच्चे का पता चला. पांच साल बाद बच्चे को पाकर माता – पिता कितना खुश होंगे इसका तो अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता.भले ही वो बच्चा पांच साल माता – पिता से दूर रहा उनके प्यार से वंचित रहा लेकिन अब वो उनके साथ है.

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