‘दुनिया’,‘इंसाफ’,‘रजिया सुल्तान’ से लेकर ‘मैं ने प्यार किया’ तक लगभग 100 सफलतम फिल्मों के गीतकार असद भोपाली कभी नहीं चाहते थे कि उनकी संतान गालिब असद भोपाली फिल्मी दुनिया से जुड़े.मगर गालिब असद भोपाली के सिर पर फिल्मों में ही काम करने का जनून सवार था.12वीं की पढ़ाई पूरी कर वे राजश्री प्रोडक्शन के दफ्तर में अभिनेता बनने के लिए पहुंच गए,जहां उन्होंने कुछ समय बतौर सहायक लेखक जलीस शेरवानी के साथ काम किया.फिर बतौर सहायक, निर्देशक प्रदीप मैनी के साथ काम किया. उस के बाद ज्योतिस्वरूप के साथ बतौर घोस्ट लेखक काम किया. और सीरियल‘शक्तिमान’ से स्वतंत्र लेखक के रूप में शुरुआत की.तब से अब तक वे कई सफलतम व विचारोत्तेजक फिल्मों व सीरियलों का लेखन कर चुके हैं. इन दिनों गालिब असद भोपाली की चर्चा कुशान नंदी निर्देशित फिल्म ‘जोगीरा सारा रा’ को लेकर हो रही है,जिसका उन्होंने लेखन किया है.

हाल ही में गालिब असद भोपाली से उनके घर पर मुलाकात हुई. उस वक्त उनसे बदलते हुए समाज,युवा पीढ़ी की सोच,दर्शक,भाषा और लोगों में पढ़ने की कम होती आदत से ले कर कई अन्य अहम मुद्दों पर लंबी बातचीत हुई.गालिब असद भोपाली के पिता असद भोपाली लेखक रहे हैं. जब उन से पूछा कि क्या उन्होंने अपने पिता के पदचिन्हों पर चलते हुए लेखन को ही कैरियर बनाने की सोचा,तो वे कहते हैं, “”मुझे बचपन से ही फिल्मों में काम करना था.मेरी सोच यह थी कि मैं अभिनेता बनूं,या स्पौट बौय, लेखक या निर्देशक बनूं. मगर यह तय था कि फिल्मों में ही काम करना है.मजेदार बात यह थी कि मेरे पिताजी फिल्म इंडस्ट्री से सख्त नफरत करते थेऔर मेरा स्वभाव विद्रोही किस्म का था.मैं हमेशा पिताजी के खिलाफ सोचा करता था. वे जिस काम को करने के लिए मना करते,मैं वही काम करता.””

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