यह मेसेज सीधा स्वर्ग से आया है जिसे अगर सौ लोगों को फारवर्ड किया तो निश्चित फायदा होगा और नहीं किया , डिलीट कर दिया तो नुकसान होना तय है जैसी पोस्ट गुजरे कल की बात हो गईं हैं . नया अन्धविश्वास तारीख 21 फरबरी 2021 दैनिक जागरण भोपाल के रविवारीय संस्करण में देखने में आया . साप्ताहिक भविष्यफल के उपर एक बॉक्स में वैधानिक सी चेतावनी खासतौर से लिखी गई थी कि अगर आपके मोबाइल स्क्रीन पर वाल पेपर धार्मिक चिन्हों बाला या किसी देवी देवता के फोटो का है तो इसे हटा लें क्योंकि सोशल मीडिया पर आये दिन आपत्तिजनक पोस्ट आती रहती हैं जिनसे एक प्रकार का दोष उत्पन्न होता है .

इस चेतावनी में सलाह दी गई थी कि मोबाइलधारक अगर अपने मोबाइल से सकारात्मक उर्जा प्राप्त करना चाहते हैं तो प्रकृति के सुन्दर दृश्यों या अपनी राशि के मुताबिक रंगों का वाल पेपर लगाएं . अव्वल तो दुनिया की सबसे बडी बकबास ही राशिफल या भविष्यफल है अब उससे भी बडी बकबास मोबाइल स्क्रीन बताई जा रही है जिसके बाल पेपर का चुनाव अगर आपने मन मुताबिक किया तो यह एक ऐसा दोष है जिसका वर्णन ही किसी धर्म ग्रन्थ में नहीं है और जिन जिन दोषों का है वे भी इसी तरह वक्त वक्त पर गढ़े गए होंगे जिससे लोग डरें और दान दक्षिणा की तादाद में कोई कमी न आए .

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अब भला अख़बार में भविष्यफल देकर जीविका चलाने बाला ज्योतिषी क्यों चाह रहा है कि लोग धार्मिक चिन्हों बाला और देवी देवताओं बाला वाल पेपर हटा लें .  इस सवाल का जबाब पूरी धूर्तता से चेतावनी के अंत में दिया भी गया है अपनी राशि के अनुसार वाल पेपर का रंग चुनें .लोंचा यह है कि आज के युवा अपनी राशि तो जानते हैं लेकिन राशि का शुभ रंग उन्हें नहीं मालूम जिसके लिए उक्त चेतावनी प्रकाशित की गई जिससे लोग ज्योतिषियों की तरफ भागें .

दूसरे सुबह सुबह ही अपना फेवरेट यानि इष्ट देवी देवता स्क्रीन पर ही दिख रहा तो लोग मोबाइल में ही उसे प्रणाम कर प्रसन्न हो लिया करते हैं इससे मंदिर जाने की झंझट खत्म हो जाती है .  यह बात उक्त अख़बार के पंडे ने समझी कि इस चक्कर में लोग मूर्ति पूजन और दक्षिणा चढ़ाना छोड़ और भूल रहे हैं जिससे धर्म के धंधे पर चोट हो रही है .  इसलिए उसने एक नई थ्योरी गढ़ दी जो जल्द ही बड़े पैमाने पर देखने में आना तय है .

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अब कहा यह भी जाएगा कि जिस स्क्रीन पर रात में रजाई में दुबककर आप ब्लू फिल्म देखते हो उस पर धार्मिक चिन्ह या देवी देवता की तस्वीर के होने का दोष आपको लगेगा धर्म का कुछ नहीं बिगड़ेगा क्योंकि वह तो कुछ होता ही नहीं और होता भी है तो दुनिया का सबसे बड़ा धंधा यह है जिसे चलाने बाले कभी नुकसान पहुँचाने बाली हरकतें बर्दाश्त नहीं करते .

बहुत ज्यादा व्यस्त या मोबाइल के एडक्ट हो गए लोग तो शौचालय में भी उसे ले जाते हैं तभी उन्हें हाजत सलीके से होती है ठीक वैसे ही जैसे तम्बाकू और सिगरेट की लत बालों को होती है . अब इन लोगों का वाल पेपर अगर देवी देवताओं बाला है तो इन्हें तो महादोष लगेगा . देश में शायद ही कोई ऐसा सक्रिय मोबाइल फोन मिलेगा जिसके बाहर या अन्दर कोई देवी देवता या धार्मिक चिन्ह न हो .इसलिए अगली चेतावनी सुनने तैयार रहिये कि अगर मोबाइल फोन में कहीं भी ऐसा कुछ है तो भी आप पाप के भागीदार हैं . अब सार्वजानिक शौचालयों में जाने बालों जो चोरी के डर से मोबाइल बाहर नहीं छोड़ सकते को क्या सलाह दी जाएगी यह भगवान् कहीं हो तो वह जाने .

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इधर एक बडी दिक्कत यह है कि अधिकतर मोबाइलधारी देवी देवता के दर्शन भी स्क्रीन पर करना चाहते हैं और पोर्न फिल्मों में भी अश्रद्धा या अनास्था जताने में भी खुद को असमर्थ पाते  हैं .  यानी उनको दोनों की जरुरत बराबरी से है.  दूसरी इच्छा को प्रबल मानते उन्हें धर्म से परे रहने की सलाह उक्त अख़बार के ज्योतिषी ने दी जिससे साबित होता है कि मानव मात्र की महती प्राथमिकता क्या है . मोबाइल स्क्रीन पर सुबह से शंकर , राम , हनुमान और कृष्ण सहित दर्जनों तरह के अवतार और देवियाँ प्रवाहित प्रसारित होने लगती हैं . कई धर्म गुरु भी यहाँ स्वछन्द विचरण करते हैं इसलिए ज्योतिषी ने धंधा चमकाए रखने इन्हें ही हटाने का मशवरा दे डाला .

लेकिन दोष का अडंगा डाल दिया जिससे लोगों का डर कायम रहे और रात के कथित पापों से मुक्ति पाने सुबह नजदीकी मंदिर में जाकर दक्षिणा चढ़ाएं इससे उनकी सकारात्मक उर्जा जो रात को स्खलित हो गई थी फिर से शरीर में बिना किसी शक्तिवर्धक दवा के सेवन के करंट की तरह प्रवाहित होने लगेगी .  आयुर्वेद और दूसरे धर्म ग्रंथों में इसकी एक बूँद की ही कीमत करोड़ों अरबों रु आंकी गई है .

पितृ दोष और सर्प दोष जैसे दर्जनों दोष चलन में हैं अब उनमें नया मोबाइल दोष भी जुड़ गया है जिससे मुक्ति के लिए मोबाइल दोष निवारण नुमा मंदिर भी खुलने लगें तो किसी को हैरान होने की जरुरत नहीं . पंडे पुजारी मोबाइल को इस्तेमाल न करने की बेबकूफी भरी बात नहीं कहेंगे क्योंकि उनका धंधा अब चलता इसी से है .  वे मोबाइल दोष मुक्ति यंत्र बनाकर , मंत्र या कथा पढ़कर आपके वे पाप धोएंगे जो दरअसल में आपने किए ही नहीं .

यही दान दक्षिणा झटकने के टोटके हैं जिनसे करोड़ों निक्क्मों के पेट पलते और घर चलते हैं . यह शाश्वत सनातनी कारोबार है जो रोज गिरगिट की तरह रंग बदलता है . यह पाप की परिभाषा तय करता है , नर्क का डर दिखाता है और फिर आपकी हैसियत के मुताबिक शुल्क या जुर्माना कुछ भी कह लें वसूलकर आपको बाइज्जत बरी कर देता है जिससे आप दौबारा जुर्म करने के हक़दार हो जाते हैं . ऐसी धार्मिक व्यवस्था वन्दनीय है इसका पालन सभी धर्मप्रेमियों  को करना चाहिए जो राष्ट्रवाद भी हो गई है . तो देर किस बात की अपने मोबाइल फोन से तुरंत धार्मिक चिन्ह और देवी देवता के फोटो हटाइए और मंदिर जाकर जेब ढीली करिए .  मुफ्त का निशुल्क रात्रिकालीन काल्पनिक आनंद इसमें नहीं चलेगा .

 

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