एक शख्स करीब 3 महीने पहले अपनी 9 साल की मासूम भांजी के साथ हुए रेप की घटना में न्याय के लिए दरबदर भटका. पुलिस से ले कर प्रतिनिधियों तक के दरवाजे खटखटाए पर न तो उसे कहीं न्याय मिला और न ही दिलासा. मजबूरन उस ने खुदकुशी कर ली.

यह सनसनीखेज वारदात उत्तरी दिल्ली के बुराडी स्थित स्वरूप नगर थाने की है. खुदकुशी करने वाला शख्स एक सरकारी स्कूल में गार्ड की नौकरी करता था, जहां 17 जनवरी को उस का शव मिलने से सनसनी फैल गई. पुलिस ने शव को बरामद कर पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजनों को सौंप दिया है और आगे की तफ्तीश में जुटी है.

सच्चाई जान कर रौंगटे खड़े हो जाएंगे

वारदात के बाद जो सच्चाई सामने आ रही है उसे जान कर किसी के भी रौंगटे खड़े हो जाएं.  दरअसल, मृतक शख्स अपनी 9 साल की भांजी के साथ कथित तौर पर हुए रेप की घटना से दुखी था. वह चाहता था कि आरोपियों पर कानूनी कारवाई हो. वह रेप के आरोपियों को सजा दिलाने में आगे आया तो उस के साथ मारपीट की जाने लगी, मानसिक प्रताड़ना और धमकियां दी जाने लगीं.

मरने से पहले क्या किया उस ने

यह शख्स जब पुलिस के पास गया तो वहां भी उसे उचित सहायता नहीं मिली. मजबूरन उस ने वीडियो में पूरी व्यथा रिकौर्ड की, आरोपियों के नाम पत्र लिख कर खुदकुशी कर ली.

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आरोप है कि मृतक गार्ड की भांजी के साथ करीबन 3 महीने पहले पड़ोस के ही नाबालिग लड़के ने रेप किया था. आरोपी को पुलिस ने पकड़ा भी था. केस को खत्म करने को ले कर दूसरे पक्ष से दबाव बनाया जाने लगा. जब लड़की का मामा मृतक गार्ड नहीं माना तो उसे धमकियां दी जाने लगीं. उस के साथ मारपीट भी की गई.

पुलिस ने नहीं दिया साथ

पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया है कि पुलिस मदद करने के बजाय उलटे हमें ही धमकाती रही. इस बात से गार्ड काफी डरा हुआ था. रात के समय जब वह बुराडी के कादीपुर स्थित राजकीय विद्यालय में चौकीदारी करने गया तो सुबह उस का शव पंखे से झूलता हुआ मिला. उस ने पंखे से फांसी लगा कर खुदकुशी कर ली.

खुदकुशी से पहले उस ने जो वीडियो बनाया और जो कुछ कहा वह हैरान कर देने वाला है.

इस घटना ने एक बार फिर दिल्ली की कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान लगाए हैं. मृतक शख्स अगर आरोपियों को कानूनी रूप से सजा दिलाना चाहता था तो उसे कानून पर ही भरोसा करना चाहिए था न कि आत्महत्या कर लेनी चाहिए थी.

सिक्के का दूसरा पहलू यह भी है कि कानून व्यवस्था पर से उस का भरोसा टूटता नजर आया और उसे हर जगह निराशा हाथ लगी तो उस ने खुद को समाप्त करने की योजना बना डाली.

इस मौत का जिम्मेदार कौन

इस सनसनीखेज वारदात के बाद लोगों में गुस्सा है तो वहीं घटना ने सियासी रंग दिखाने भी शुरू कर दिए हैं. घटना के बाद जाहिर है कोई कानून को कोसेगा तो कोई पुलिस को. कोई अफसोस जाहिर कर रहा होगा कि आत्महत्या समाधान नहीं है, व्यवस्था से लड़ाई लड़नी चाहिए. मौत को गले लगाना तो खुद अपनेआप में एक अपराध है.

पर यह भी सही है कि समय रहते शायद इस शख्स को कहीं से न्याय की उम्मीद नहीं मिली. न तो कानून का सहारा मिला न ही लोगों और न ही नेताओं का साथ मिला.  सवाल वही है, जिस का शायद ही कोई जवाब दे पाए- इस मौत का जिम्मेदार आखिर है कौन?

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