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तेंद्र मान ग्रेटर नोएडा स्थित एवीजे हाइट्स सोसाइटी में छठी मंजिल के फ्लैट में रहता था. यह फ्लैट उस के फुफेरे भाई प्रीतम का था. इस फ्लैट की एक चाबी प्रीतम के पास रहती थी और दूसरी जितेंद्र के पास. 12 जनवरी, 2018 को प्रीतम अपने भाई जितेंद्र से मिलने फ्लैट पर पहुंचा. जैसे ही उस ने फ्लैट का मुख्य दरवाजा खोला तो उसे अंदर कमरे का दरवाजा खुला मिला. दरवाजे से लौबी साफ दिख रही थी. वहीं से उस ने देखा कि फर्श पर गद्दा बिछा है और उस गद्दे पर कोई कंबल ओढ़े सो रहा है.

फ्लैट में घुसते ही उसे थोड़ी दुर्गंध आती महसूस हुई तो घबरा कर वह सीधे लौबी में पहुंचा. थोड़ा अजीब तो लग रहा था, पर यह सोच कर उस ने जितेंद्र को आवाज दी कि कंबल में वही सोया होगा. जब कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई तो प्रीतम ने कंबल हटाया. कंबल के नीचे जितेंद्र की लाश पड़ी थी. भाई की लाश देखते ही प्रीतम की चीख निकल गई.

चीख की आवाज सुन कर कई पड़ोसी भी वहां आ गए. प्रीतम ने फोन कर के इस की सूचना पुलिस को भी दे दी. कुछ देर बाद ही सूरजपुर थाने के थानाप्रभारी अखिलेश प्रधान एसआई सोहनवीर मलिक, हरिराज, कांस्टेबल कृष्णकुमार और राजेश कुमार घटनास्थल पर पहुंच गए.

पुलिस ने जितेंद्र की लाश पर से कंबल हटा कर देखा तो गद्दा खून से सना हुआ था. खून भी जम कर काला पड़ गया था. लाश से आ रही बदबू से लग रहा था कि उस की हत्या कई दिन पहले की गई होगी.

जितेंद्र मान की लाश चित अवस्था में थी. लाश पलटी तो उस की पीठ पर गोलियों के 3 निशान मिले. एक गोली उस की गरदन पर भी लगी थी. थानाप्रभारी ने इस की सूचना एसपी (देहात) सुनीति शर्मा और सीओ अमित किशोर श्रीवास्तव को भी दे दी.

कमरे का निरीक्षण किया गया तो वहां शराब और सोडे की खाली बोतलें और 2 खाली गिलासों के अलावा कुछ जूठे बरतन भी पड़े मिले. इस से लगा कि वहां 2 लोगों ने शराब पी थी और जितेंद्र की हत्या किसी जानकार ने ही की होगी.

थानाप्रभारी प्रधान मौकामुआयना कर ही रहे थे कि एसपी (देहात) सुनीति शर्मा और सीओ (ग्रेटर नोएडा) अमित किशोर भी मौके पर पहुंच गए. एसपी (देहात) सुनीति शर्मा ने पड़ोसियों से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि उन्हें गोलियों की आवाज नहीं आई थी. इस बात पर पुलिस भी हैरत में पड़ गई कि 4 गोलियां चलीं और पड़ोसी आवाज भी नहीं सुन सके.

फ्लैट में सारा सामान अपनी जगह रखा था, इसलिए वहां लूट की संभावना नजर नहीं आ रही थी. मृतक का मोबाइल फोन और पर्स नदारद था. यानी ये दोनों चीजें हत्यारा अपने साथ ले गया था.

प्रीतम ने जितेंद्र की हत्या की खबर उस के घर वालों को भी दे दी थी. उस के घर वाले भी वहां पहुंच गए. पुलिस ने मौके की काररवाई निपटाने के बाद लाश पोस्टमार्टम के लिए भेज दी.

प्रीतम की तहरीर पर पुलिस ने अज्ञात हत्यारे के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया. इस केस की जांच थानाप्रभारी ने खुद संभाली.

जितेंद्र मान की पृष्ठभूमि

13 जनवरी को पुलिस को पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिल गई. मरने की वजह गोलियों से शरीर के अंदरूनी अंगों की क्षति पहुंचना बताया गया था. रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि हत्या 10 जनवरी को दोपहर से शाम के बीच की गई थी.

14 जनवरी, 2018 को सुबह के समय थानाप्रभारी अखिलेश प्रधान फिर से एवीजे हाइट्स सोसाइटी पहुंचे. उन्होंने गेट पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों से पूछताछ की. आगंतुक रजिस्टर भी चैक किया, पर वहां से कोई क्लू नहीं मिला. तब उन्होंने सोसाइटी में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज का निरीक्षण किया.

फुटेज से जानकारी मिली कि 10 जनवरी को दोपहर करीब साढ़े 11 बजे जितेंद्र मान सीढि़यों से फ्लैट में गया और 4 बज कर 20 मिनट पर फ्लैट से बाहर निकला और चला गया. इस के बाद थानाप्रभारी सोसाइटी से चले आए.

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उन्होंने जांच की तो पता चला कि दिल्ली के मुनीरका के रहने वाले प्रीतम ने अपने दोस्त नितिन चौधरी के साथ ग्रेटर नोएडा में कुछ दिनों पहले ही एक जिम खोला था. प्रीतम जिम में ज्यादा समय नहीं दे पाता था. घर से रोजाना ग्रेटर नोएडा आनाजाना उस के लिए संभव नहीं था, इसलिए उस ने जिम के नजदीक स्थित एवीजे हाइट्स सोसाइटी में किराए पर एक फ्लैट ले लिया था.

प्रीतम का एक ममेरा भाई था जितेंद्र मान, जो बाहरी दिल्ली के अलीपुर में रहता था. फिलहाल वह बेरोजगार था. उस ने कई साल जिम में प्रैक्टिस कर के अपना शरीर बना रखा था और एक अच्छा खिलाड़ी भी था. इसलिए प्रीतम ने उसे अपने जिम में ट्रेनर के रूप में रख लिया था.

चूंकि हत्या वाले दिन जितेंद्र प्रीतम के फ्लैट पर आया था, इसलिए थानाप्रभारी पूछताछ करने के लिए उस के जिम में पहुंच गए.

थानाप्रभारी ने जिम में पूछताछ की तो मालूम हुआ कि 10 जनवरी को जितेंद्र अपनी शिफ्ट पूरी कर के पौने 12 बजे घर जाने के लिए निकला था. एवीजे हाइट्स सोसाइटी जिम के पास है. अगर किसी गाड़ी से जाया जाए तो सोसाइटी का रास्ता 10 मिनट का है. एवीजे हाइट्स की सीसीटीवी फुटेज में जितेंद्र साढ़े 11 बजे सीढि़यां चढ़ कर फ्लैट में जाता दिखा था.

इस से साफ हो गया कि जिम से निकलने के बाद जितेंद्र सीधे घर आया था. इस के बाद दोपहर करीब साढ़े 12 बजे कोई जितेंद्र के फ्लैट में आया. वहां शराब पी गई. पुलिस ने जितेंद्र की काल डिटेल्स निकलवाई. उस काल डिटेल्स में 17 मोबाइल नंबरों को चिह्नित किया. इन में से एक फोन नंबर प्रीतम का निकला और 5 फोन नंबर जिम के कर्मचारियों व परिवार के लोगों के थे. इसलिए इन 6 नंबरों को संदेह से अलग कर दिया गया.

पुलिस ने 11 नंबरों की गहन छानबीन की तो चौंकाने वाली बात यह पता चली कि वह सभी फोन नंबर लड़कियों के थे. उन में से 10 लड़कियां घर पर ही मिल गईं. थानाप्रभारी ने उन्हें एसपी (देहात) सुनीति शर्मा के सामने पेश किया.

पुलिस इन्वैस्टीगेशन में आया लड़की का नाम

एसपी (देहात) सुनीति शर्मा ने सभी लड़कियों से अलगअलग बात की मगर कोई काम की बात पता नहीं चली. अब केवल एक लड़की बची थी, उस का फोन स्विच्ड औफ आने की वजह से संपर्क नहीं हो सका. पुलिस ने उस के फोन नंबर की काल डिटेल्स निकलवाई तो पता चला कि वह फोन नंबर ग्रेटर नोएडा की होराइजन सोसाइटी के फ्लैट टी-1103 में रहने वाली सृष्टि गुप्ता का है. मोबाइल कंपनी से पते के साथ सृष्टि गुप्ता का फोटो भी मिल गया.

मामले की तह तक पहुंचने के लिए एसआई हरिराज सीधे होराइजन सोसाइटी पहुंचे. सृष्टि गुप्ता जिस फ्लैट में रहती थी, वह बंद मिला. इस पर एसआई ने सोसाइटी के सुरक्षाकर्मियों को सृष्टि का फोटो दिखाया. सुरक्षाकर्मियों ने फोटो पहचानते हुए कहा कि यह लड़की यहीं रहती है. उन्होंने  बताया कि सृष्टि स्टूडेंट है और फ्लैट में अकेली ही रहती है. उस के यहां एक मेड काम करने आती है.

पर कुछ दिनों से सृष्टि फ्लैट में नहीं है, इसलिए मेड भी काम पर नहीं आती. एसआई हरिराज ने उन सुरक्षाकर्मियों को अपना फोन नंबर देते हुए कहा कि जब भी सृष्टि सोसाइटी में आए तो वह उन्हें फोन कर दें.

एक दिन एसआई हरिराज को होराइजन सोसाइटी के एक सुरक्षागार्ड ने फोन कर के सूचना दी कि सृष्टि अपने फ्लैट में मौजूद है. सूचना मिलते ही एसआई हरिराज महिला कांस्टेबल मोनिका व ऋचा को ले कर सृष्टि के फ्लैट पर पहुंच गए. वह पूछताछ के लिए सृष्टि को सूरजपुर थाने ले आए.

संदेह के दायरे में आई सृष्टि

थानाप्रभारी अखिलेश प्रधान ने सृष्टि से जितेंद्र मान के बारे में पूछताछ की तो उस ने यह बात कबूल कर ली कि वह जितेंद्र मान को जानती है. क्योंकि वह पहले जितेंद्र के जिम में जाती थी.

‘‘आप कब से कब तक जिम जाती रहीं?’’ थानाप्रभारी ने पूछा.

‘‘मार्च से सितंबर 2017 तक.’’ सृष्टि बोली.

‘‘जिम छोड़ने के बाद आप की जितेंद्र से कभी बात हुई?’’ उन्होंने पूछा.

‘‘नहीं, मेरी उस से कोई बात नहीं हुई.’’ सृष्टि ने बताया.

तभी थानाप्रभारी ने उस के फोन नंबर की काल डिटेल्स उस के सामने रखते हुए कहा, ‘‘आप झूठ क्यों बोल रही हैं? उस से आप की रोजाना बात होती थी.’’

थानाप्रभारी की बात का सृष्टि ने कोई जवाब नहीं दिया. उस ने अपनी नजरें भी झुका लीं. वह आगे बोले, ‘‘अच्छा, यह बताओ कि 10 जनवरी को दोपहर 12 बजे से शाम 5 बजे तक आप कहां थीं?’’

कुछ देर के बाद वह बोली, ‘‘उस दोपहर को मैं अपना कैमरा रिपेयर कराने के लिए दुर्गापुरी चौक गई थी.’’

‘‘उस के बाद..?’’

‘‘उस के बाद रोजमर्रा का सामान लेने जीआईपी मौल गई थी. वहां से लौटतेलौटते शाम हो गई थी. आप चाहें तो इस बारे में दुकानदार और मौल से मेरी बात की सच्चाई जान सकते हैं.’’

थानाप्रभारी ने सृष्टि के घरपरिवार की भी जानकारी हासिल कर ली थी. उस ने बताया कि वह उत्तर प्रदेश के जिला बुलंदशहर के खुर्जा की रहने वाली है. उस के पिता की खुर्जा में मोबाइल एक्सेसरीज की दुकान है.

सृष्टि से पूछताछ के बाद थानाप्रभारी ने उसे हिदायत दे कर थाने से भेज दिया. साथ ही उन्होंने कांस्टेबल राजेश को सृष्टि की निगरानी के लिए लगा दिया.

आगे की जांच के लिए एक पुलिस टीम खुर्जा में सृष्टि के पिता सुधीर गुप्ता के पास भेजी गई. सुधीर गुप्ता ने बताया कि करीब 2 साल से उन के सृष्टि से कोई संबंध नहीं हैं. इस की वजह बताते हुए वह नरवस भी हो गए. उन्होंने कहा कि 2 साल पहले सृष्टि मेरठ यूनिवर्सिटी में बीबीए की पढ़ाई के दौरान किसी मुसलमान लड़के के चक्कर में पड़ गई थी. वह उसी के साथ रह रही थी. यह बात मुझे पता लगी तो मैं ने बेटी को समझाया, जब वह नहीं मानी तो हम ने उस से नाता ही तोड़ लिया.

आखिर फंस ही गई जितेंद्र मान की कातिल

17 जनवरी की शाम को कांस्टेबल राजेश ने थानाप्रभारी को सूचना दी कि एक इनोवा कार में सृष्टि अपना सामान रख रही है. उस का इरादा शायद फ्लैट खाली करने का है.

खबर मिलते ही थानाप्रभारी अखिलेश प्रधान पुलिस टीम के साथ होराइजन सोसाइटी पहुंच गए. पुलिस सृष्टि को फिर से थाने ले आई. इस बार उस से सख्ती से पूछताछ की गई तो उस ने अपना जुर्म स्वीकार करते हुए कहा कि उस ने ही जितेंद्र मान की हत्या की थी. हत्या के पीछे उस ने जो कहानी बताई, वह प्रेम संबंधों पर आधारित निकली—

24 वर्षीय सृष्टि गुप्ता जब मेरठ यूनिवर्सिटी में बीबीए की पढ़ाई कर रही थी, तभी उस ने अपना खर्च चलाने के लिए नोएडा स्थित इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी के सेल्स डिपार्टमेंट में नौकरी जौइन कर ली थी.

वह फ्लैट बेचने के लिए टेलीकालिंग करती थी. इस काम के लिए उसे हर महीने 25 हजार रुपए वेतन मिलता था. एक दिन वह रुटीन में इमरान कुरैशी नाम के व्यक्ति से फ्लैट बेचने के लिए काल कर रही थी, तभी इमरान बातों बातों में उस की पर्सनल लाइफ से जुड़े सवाल पूछने लगा. जब सृष्टि ने बताया कि वह खुर्जा की रहने वाली है तो इमरान बोला, ‘‘मैं भी खुर्जा का रहने वाला हूं. मोहल्ला तारीनान में जो किला मसजिद है, उसी गली नंबर-7 में रहता हूं.’’

सृष्टि को जब यह पता चला कि इमरान भी खुर्जा का है तो उसे बड़ी खुशी हुई. उस दिन दोनों के बीच काफी देर तक बातचीत होती रही. उस दिन के बाद दोनों की अकसर फोन पर बातें होने लगीं, जो बाद में प्यार में बदल गईं. वे दोनों रेस्टोरेंट वगैरह में मिलने भी लगे.

इमरान न तो हैंडसम था और न ही ज्यादा पढ़ालिखा, मगर वह गले में सोने की मोटी चेन, अंगुलियों में हीरे की अंगूठियां पहनता था और स्कोडा कार से चलता था. इस सब से उस की संपन्नता साफ झलकती थी.

इमरान शादीशुदा था. इतना ही नहीं, उस के 4 बच्चे भी थे. उस के 6 भाई थे जो सभी बीफ एक्सपोर्ट करते थे. गोश्त के इस धंधे में उन्हें अच्छीखासी आमदनी होती थी.

इमरान की पैसों की चमकदमक देख कर सृष्टि उस पर मर मिटी. उसी ने होराइजन सोसाइटी में उसे फ्लैट ले कर दे दिया था. सृष्टि किराए के मकान से फ्लैट में आ गई. इतना ही नहीं, इमरान उसे हर माह 50 हजार रुपए खर्च के लिए भी देता था. जब इमरान उस का हर तरह से खयाल रखने लगा तो सृष्टि ने इमरान को अपना पति मान लिया और नौकरी छोड़ दी.

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मातापिता से नहीं था कोई संबंध

ये सारी बातें सृष्टि के पिता को पता चलीं तो उन्होंने अपनी बेटी से संबंध खत्म कर लिए, पर सृष्टि ने इस सब की परवाह नहीं की.

इसी दौरान सृष्टि की बीबीए की पढ़ाई पूरी हो गई. वह पत्रकार बनना चाहती थी, इसलिए उस ने ग्रेटर नोएडा के एक संस्थान में मास कम्युनिकेशन का कोर्स करने के लिए दाखिला ले लिया. इस का खर्च भी इमरान उठा रहा था.

इमरान सृष्टि पर दोनों हाथों से पैसा लुटा रहा था. सृष्टि ने शरीर की फिटनेस बनाए रखने के लिए एक जिम भी जौइन कर लिया. वह जिम प्रीतम का था, जिस में जितेंद्र मान ट्रेनर था.

जितेंद्र मान बाहरी दिल्ली के अलीपुर गांव के रहने वाले सत्यप्रकाश मान का बेटा था. सत्यप्रकाश के परिवार में पत्नी के अलावा 3 बेटे व एक बेटी थी. जितेंद्र भाइयों में छोटा था. जितेंद्र जब 2 साल का था, तभी उस की मां की मृत्यु हो गई थी. जब वह 10 साल का हुआ तो उस के पिता का भी स्वर्गवास हो गया.

जितेंद्र मान की एक बुआ मुंडका में रहती थी. भाई की मौत के बाद वह जितेंद्र को अपने साथ ले गई थी. उन्होंने ही जितेंद्र की परवरिश की. मान की बुआ का बेटा प्रीतम टोकस जितेंद्र से 3 साल बड़ा था. जितेंद्र ने आगे की पढ़ाई अपने फुफेरे भाई प्रीतम के साथ ही की. दोनों ने दयाल सिंह कालेज ने ग्रैजुएशन किया.

प्रीतम और जितेंद्र को कुश्ती व बौक्सिंग का शौक था. किशोरावस्था में पहुंचते ही दोनों का रुझान मुक्केबाजी की ओर हो गया. दोनों ने नैशनल लेवल के कोच राजेश टोकस से कोचिंग ली और दिल्ली की ओर से मुक्केबाजी प्रतियोगिता में भाग लेने लगे. बाद में जितेंद्र मान और प्रीतम ने हरियाणा स्टेट बौक्सिंग में भी अपना पंजीकरण करा लिया.

हरियाणा की ओर से खेलते हुए जितेंद्र ने देशविदेश की कई प्रतियोगिताओं में स्वर्णपदक जीते. उस ने उज्बेकिस्तान, क्यूबा, फ्रांस और रूस की कई चैंपियनशिप के जूनियर वर्ग में भारत की अगुवाई की.

जितेंद्र मान की उपलब्धियों का ही नतीजा था कि उसे फौज में नौकरी मिल गई. भरती के समय सेनाधिकारियों ने मान को आश्वस्त किया था कि जल्द ही उसे प्रमोशन दे कर हवलदार बना दिया जाएगा.

मान ने सेना के लिए कई बार मैडल जीते. कई साल बीतने के बावजूद पदोन्नति नहीं मिली तो 2 साल पहले मान नौकरी छोड़ कर घर आ गया. फिर वह प्रीतम के जिम में ट्रेनर के रूप में काम करने लगा.

पूर्व फौजी था जितेंद्र मान

मार्च, 2017 में सृष्टि ने प्रीतम की अल्टीमेट फिटनैस एकेडमी जौइन की. खूबसूरत होने के साथसाथ जितेंद्र मान का व्यक्तित्व भी आकर्षक था. जितेंद्र और सृष्टि की ऐसी दोस्ती बढ़ी कि दोनों जिम के बाहर भी मिलने लगे.

सृष्टि से मिलने के लिए जितेंद्र उस के घर तक पहुंचने लगा. एक दिन दोपहर में मान सृष्टि के घर आया तो उस ने कौफी बनाई. सृष्टि ने कौफी के दोनों कप मेज पर रख दिए. तभी मान ने उस से पानी मांगा. सृष्टि पानी लेने गई. तभी मौका देख कर मान ने उस की कौफी में नशे की गोली मिला दी. कौफी पीते ही सृष्टि अर्द्धबेहोश हो गई. इस के बाद मान ने उस के साथ शारीरिक संबंध बनाए तो ही, उस की वीडियो क्लिप भी बना ली.

उसी अश्लील वीडियो क्लिप के जरिए वह सृष्टि को ब्लैकमेल कर के उस का शारीरिक ही नहीं बल्कि आर्थिक शोषण भी करने लगा. यह बात सृष्टि ने इमरान को भी बता दी. उस ने इमरान से कहा कि जो पैसे तुम मुझे देते हो, उन में से आधे तो मान ऐंठ लेता है. उस ने इमरान को पूरी बात बता कर कहा कि वह किसी भी तरह जितेंद्र मान से पीछा छुड़ाना चाहती है.

इमरान कुछ देर सोचने के बाद बोला, ‘‘सृष्टि अवैध संबंध ऐसा खेल है, जिस में किसी न किसी को मरना पड़ता है.’’

यह सुन कर सृष्टि के चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगीं. उस ने कहा, ‘‘इमरान, क्या तुम मुझे मार दोगे?’’

‘‘अगर तुम अपनी मरजी से मान के साथ मौजमस्ती कर रही हो तो मैं तुम्हें बेहिचक मार दूंगा.’’ इमरान ने जिंदगी और मौत के खेल में उसे भी शामिल करते हुए कहा, ‘‘और हां, अगर तुम वाकई मान की ब्लैकमेलिंग का शिकार हो रही हो तो तुम्हें ही उस का कत्ल करना होगा.’’

‘‘इमरान, मैं मान से बहुत परेशान हूं. मैं उस से वाकई निजात पाना चाहती हूं.’’ वह बोली.

‘‘तो ठीक है, तुम उसे निपटा दो. इस काम में मैं तुम्हारी मदद करने को तैयार हूं.’’ इमरान ने कहा.

इमरान ने रची थी साजिश

इस के बाद इमरान ने अपने ड्राइवर नफीस और सृष्टि को बिठा कर एक योजना बनाई. योजना के अनुसार, इमरान ने कहीं से एक पिस्तौल ला कर सृष्टि को दे दी और उसे पिस्तौल चलाना सिखा भी दिया. 9 जनवरी, 2018 को इमरान ने सृष्टि से जितेंद्र मान को फोन कराया.

सृष्टि ने उस से प्यार भरी बातें करते हुए कहा, ‘‘मान, कल मैं बिलकुल खाली हूं, इसलिए चाहती हूं कि कल कुछ खास एंजौय किया जाए.’’

‘‘बताओ जानेमन, तुम क्या चाहती हो?’’ मान बोला.

‘‘मैं चाहती हूं कि कल मैं तुम्हारे फ्लैट पर आ जाऊं. वहीं वोदका पिएंगे.’’ सृष्टि ने कहा.

‘‘ठीक है, तुम आ जाना. मैं इंतजार करूंगा.’’ जितेंद्र मान बोला.

जितेंद्र अपने भाई प्रीतम के एवीजे हाइट्स सोसाइटी स्थित फ्लैट में रहता था. 10 जनवरी, 2018 को सृष्टि एवीजे हाइट्स सोसाइटी पहुंच गई, जहां मान उस का इंतजार कर रहा था.

मान ने उस का बड़ी गर्मजोशी से स्वागत किया. फिर उस के और सृष्टि के बीच खानेपीने का दौर चला. बाद में मान ने अपनी हसरतें भी पूरी कर लीं. इस के बाद सृष्टि ने मान से अश्लील क्लिपिंग डिलीट करने को कहा. इस पर मान ने कोई जवाब देने के बजाय उस की तरफ पीठ घुमा ली.

सृष्टि को समझ में आ गया कि वह क्लिपिंग डिलीट नहीं करेगा. उस ने अपने बैग से पिस्तौल निकाली और एकएक कर के उसे 4 गोलियां मारीं. कुछ ही देर में मान की मौत हो गई. सृष्टि ने लाश को चित कर के उसे कंबल ओढ़ा दिया.

इस के बाद सृष्टि ने मान के मोबाइल से जिम वाले फोन पर मैसेज किया, ‘‘मैं जरूरी काम से बाहर जा रहा हूं. शाम को जिम नहीं आऊंगा.’’

सृष्टि ने होशियारी तो बहुत की पर फंस ही गई

सृष्टि अपने साथ एक जोड़ी कपड़े ले कर गई थी. पहने हुए कपड़ों पर खून लग गया था, अत: बाथरूम में जा कर उस ने अपने कपड़े बदले. फिर फ्लैट को बाहर से बंद कर के चाबी पर्स में डाली और चेहरे पर स्कार्फ बांध कर सोसायटी से बाहर निकल आई. वहां से वह डीएलएफ मौल पहुंची, जहां इनोवा कार में इमरान व ड्राइवर नफीस उस का इंतजार कर रहे थे.

सृष्टि ने एक चालाकी यह भी की थी कि वह अपने दोनों मोबाइल नफीस के पास ही छोड़ गई थी. नफीस उस के मोबाइल ले कर दिलशाद गार्डन होता हुआ दुर्गापुरी चौक पहुंच गया था.

तभी योजनानुसार इमरान ने अपने फोन से सृष्टि के फोन पर 2 बार काल की, जो नफीस ने रिसीव कर ली थी. यह इन्होंने इसलिए किया था, ताकि वारदात के समय सृष्टि के फोन की लोकेशन घटनास्थल के बजाय कहीं दूसरी जगह की आए.

सृष्टि से पूछताछ के बाद पुलिस ने उस के प्रेमी इमरान व उस के ड्राइवर नफीस को भी गिरफ्तार कर लिया. इमरान की निशानदेही पर पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त पिस्तौल भी बरामद कर ली. लेकिन जितेंद्र का मोबाइल फोन बरामद नहीं हो सका. वह मोबाइल उस ने दनकौर नहर में फेंक दिया था.

इस के बाद इमरान और नफीस से भी उन्होंने पूछताछ की. तीनों अभियुक्तों को सीजेएम गौतमबुद्धनगर की अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया.

– कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित

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