साल 2003 में हैल्थ सैक्टर से समाजसेवा का काम शुरू करने वाली प्रज्ञा भारती आज बिहार में अच्छीखासी पहचान और इज्जत हासिल कर चुकी हैं. प्रज्ञा भारती साल 2005 से औरतों की तरक्की के लिए भी लगातार काम कर रही हैं. वे अब तक बिहार के 10 जिलों में 5 हजार औरतों को हुनरमंद बना चुकी हैं और 2 हजार औरतों को रोजगार दिला चुकी हैं. वे ‘परिहार सेवा संस्थान’ के तले औरतों को हुनरमंद बनाने के साथसाथ उन्हें रोजगार देने की मुहिम में लगी हुई हैं. साथ ही, वे पारिवारिक जिम्मेदारियों को भी बखूबी निभा रही हैं.

प्रज्ञा भारती कहती हैं कि औरतों को हुनरमंद बनाने के साथसाथ उन्हें रोजगार से जोड़ना जरूरी है. जब तक काम करने के बाद औरतों के हाथ में पैसा नहीं आएगा, तब तक उन के मन में अपने पैरों पर खड़ा होने का भाव नहीं आएगा.

फिलहाल प्रज्ञा भारती ‘वुमन फूड वैंडर योजना’ पर काम कर रही हैं. इस योजना में औरतों को ही रखा गया है. कैटरिंग से ले कर सर्विस तक के काम में औरतों को ही लगाया गया है. औरतें ही खाना पकाएंगी, परोसेंगी, पैक करेंगी और उसे पहुंचाएंगी. इस के लिए फिलहाल सौ औरतों को ट्रेंड किया गया है.

प्रज्ञा भारती कहती हैं कि घरेलू औरतों को उन के घर में ही काम देने की जरूरत है. इस से वे कमाई के साथसाथ अपने बच्चों और परिवार की भी देखरेख कर सकेंगी.

प्रज्ञा भारती बाल सुधारगृह के बच्चों को अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए स्पैशल ट्रेनिंग देने में लगी हुई हैं. इस से बाल सुधारगृह से बाहर निकल कर बच्चे रोजगार में लग सकेंगे.

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