बीएचयू के इतिहास विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. स्वाति पांडेय ने सोमवार को सुसाइड कर लिया. बताया जा रहा है कि मंडुआडीह में वर्कर्स मैनेजर अंबेश त्रिपाठी से उसकी शादी तय हुई थी लेकिन, लड़के ने शादी से इनकार कर दिया.  शादी टूटने से स्वाति परेशान थी. रविवार को उसकी मां और घर के दूसरे सदस्य शादी में गए हुए थे. घर पर पिता और छोटी बहन थी. सोमवार की सुबह जब पिता उसे जगाने गए तो वह साड़ी के फंदे से लटकती हुई मिली. उन्होंने तत्काल पड़ोसियों की मदद से उसे नीचे उतारा और हॉस्पिटल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

ऐसी खबरें समाज के सामने कई सवाल खड़े करती हैं कि आखिर क्यों  ब्रेकअप और शादी से इनकार बन जाता है किसी के लिए ज़िन्दगी से विदा लेने की वजह ? क्या किसी की लाइफ में कोई इतना महत्वपूर्ण हो जाता है कि उस का इनकार किसी को मौत को गले लगाने पर मजबूर कर देता है? आंकड़े बताते हैं कि आत्महत्या का कारण अकसर ब्रेकअप बनता है. प्रेम संबंधों में मिले धोखे के बाद लोग खुद को संभाल नहीं पाते और अवसादग्रस्त हो जाते हैं. बाद में या तो वे आत्महत्या कर लेते हैं या फिर जिंदगी से बेजार हो कर समाज से कट जाते हैं.

सेलिब्रेटी भी पीछे नहीं

ग्लैमर वर्ल्ड में इस तरह की घटनाओं से अछुता नहीं है . जिया खान, दिशा गांगुली, शिक्षा जोशी, रूबी सिंह, कामसूत्र कंडोम की चर्चित मॉडल विवेका बाबाजी, सिल्क स्मिता और ना जाने कितने नाम हमें इस फेहरिस्त में मिल जायेंगे, जिन्होंने अपनी जिंदगी से हार मान ली . हॉलीवुड के जाने माने एक्टर जिम कैरी की गर्लफ्रेंड कै‍थरियोना व्हाइट ने स्टार से ब्रेकअप के बाद खुदकुशी कर ली थी .इनके अलावा भी कई ऐसी सेलीब्रिटी हैं, जिनकी मौत पर से रहस्य का पर्दा नहीं हटा या फिर जो अवसादग्रस्त होकर मौत की आगोश में समा गये. कांग्रेस नेता शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर, बॉलीवुड एक्ट्रेस दिव्या भारती एवं  परवीन बॉबी का नाम यहां प्रमुखता से लिया जाता है.

ब्रेकअप और आत्महत्या का कनेक्शन

मनोविज्ञान कहता है कि ‘ब्रेकअप’ लोगों को इस कदर दुखी करता है कि उन्हें लगता है कि एक ऐसा संबंध जिससे वे मानसिक और शारीरिक रूप से जुड़े होते हैं, उस से एक पल भी दूर हो जाने का डर उन्हें परेशान कर देता है और वे दुख के सागर में डूब जाते हैं. उन्हें लगता है कि वे उस शख्स के बिना जी नहीं पायेंगे. उन्हें अपनी दुनिया वीरान और बेमतलब लगने लगती है और वे खुद को संभाल नहीं पाते है.  उनकी यह सोच उन्हें इस कदर बेचैन कर देती है कि वे आत्महत्या जैसा कदम  उठाने के लिए मजबूर हो जाते हैं. विगत कुछ वर्षों में प्रेम में असफल युवाओं में आत्महत्या की प्रवृत्ति काफी बढ़ी है. ऐसे युवाओं को समझने की जरुरत है कि किसी के बगैर जिन्दगी नहीं रूकती, अगर आप कुछ दिन इस अलगाव व ब्रेकअप के दर्द को बर्दाश्त कर लेंगे तो जिन्दगी खत्म करने की चाह खत्म हो जायेगी. आप यह सोचिये जिन्दगी किसी के बगैर नहीं रूकती. क्या कभी  किसी ने प्रकृति को ठहरते हुए देखा है? भले कितनी बड़ी विपदा आ जाए सूरज अपने समय पर ही उगता और अस्त होता है. दुनिया में रात और दिन अपने समय पर ही होते है तो फिर ऐसे  किसी के अपनी जिंदगी से चले जाने के निर्णय पर अपनी अमूल्य जिन्दगी को क्यों दांव पर लगाया जाए?

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