आज का युवा उच्च शिक्षा हासिल कर अच्छी नौकरी तलाश करता है. हालांकि अपनी योग्यता और पसंद के अनुरूप अच्छी नौकरी मिल पाना आसान बात नहीं होती. यदि आप को किसी प्राइवेट कंपनी में नौकरी मिलती है तो यह आप के कैरियर के लिए एक अच्छी शुरुआत है, लेकिन प्राइवेट या मल्टीनैशनल कंपनियों के कर्मचारियों पर नौकरी चले जाने का खतरा सदैव मंडराता रहता है. चाहे आप कंपनी छोड़ें या कंपनी आप को निकाले, दोनों ही स्थितियों में आप नौकरी से हाथ धो बैठते हैं. यह समय आप के जीवन का सब से मुश्किल समय होता है और यह आप के लिए परीक्षा की घड़ी भी है. कुछ पलायनवादी कर्मचारी नौकरी चले जाने पर जीवन से इतने हताश और निराश हो जाते हैं कि परिस्थिति का सामना करने के बजाय जिंदगी से ही कूच कर जाते हैं यानी खुदकुशी कर लेते हैं. आखिर इस स्थिति का सामना कैसे करें?

कर्मचारी की नौकरी छूटने को 2 वर्गों में रखा जा सकता है, पहला, जब वह स्वयं नौकरी छोड़े और दूसरा जब कंपनी उसे नौकरी से निकाले. दोनों ही स्थितियों में नौकरी छूटने या छोड़ने के कारण भिन्नभिन्न होते हैं. कुछ कर्मचारियों की नौकरी अपनी गलती की वजह से भी छूटती है. ऐसा उन के साथ होता है जो किसी अन्य कंपनी में अच्छी नौकरी पाने की लालसा में वर्तमान कंपनी से इस्तीफा दे देते हैं और नई कंपनी में उन का सिलैक्शन नहीं हो पाता. यदि उन का इस्तीफा मंजूर हो जाता है तो वे न घर के रहते हैं न घाट के. उन की नौकरी चली जाती है. स्वयं का दिया हुआ इस्तीफा वे वापस भी नहीं ले सकते.

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