खबरी मैदान में टिकता वही है जिस की कलम में दम और लफ्जों में बेबाकी हो. हिंदी मीडिया जगत की बात की जाए तो यहां कई चेहरों ने अपनी खास पहचान कायम की है. उन में महिलाएं भी कम नहीं हैं. ऐसा ही एक नाम है समीना सिद्दीकी, जो पिछले 28 वर्षों से इस क्षेत्र में अपनी अलग छवि गढ़े हुए है. वर्तमान में वे राज्यसभा टीवी में सीनियर ऐंकर के पद पर सेवारत हैं.समीना ने विशेषकर महिलाओं से जुड़े मुद्दों को बेहद दमदार ढंग से उठाया है. पत्रकारिता, परिवार व अपनी जीवनयात्रा के बारे में उन्होंने खुल कर बताया.

मीडिया जगत में आप ने खास पहचान बना ली है. कैसा रहा अब तक का सफर?

कई मानों में आसान रहा मगर कठिन भी. कठिन इसलिए कि एक औरत के लिए मीडिया में अपनी जगह बनाना और फिर उन तमाम मर्यादाओं का पालन करते हुए आगे निकलना, जो समाज और परिवार में उस के लिए तय की गई है, आसान नहीं है. बहुत मुश्किलें आईं, कई बार कोशिशें की गईं कि मैं घुटने टेक दूं. लेकिन क्योंकि मैं काम जानती थी और मेरी कलम में ताकत थी, इसलिए वे मुश्किलें बहुत बड़ी मुश्किलें साबित नहीं हो सकीं  सफर आसान इस लिहाज से रहा क्योंकि मेरी पृष्ठभूमि इसी क्षेत्र से थी. मुझे भाषा आती थी, मीडिया में काम करना जानती थी. मेरे पिता शुरू से आकाशवाणी में रहे. जहां मेरी शादी हुई वे भी मीडिया क्षेत्र से हैं. इसलिए यहां किस तरह का चलन और व्यवहार जरूरी है, किस तरह खुद को साबित करना है, ये सब बचपन से समझ रही थी.

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