सैक्स, सैक्स, सैक्स और सैक्स. महिलाएं देह का धंधा कर रही हैं तो पुरुष सैक्स की अपनी भूख मिटा रहे या अपना शौक पूरा कर रहे हैं. यह सब उत्तर प्रदेश के जिला बस्ती की एक बस्ती में लगभग खुलेआम हो रहा है. बस्ती रेलवे स्टेशन से बाहर निकलते ही सड़क के एक किनारे कुछ घर बने हैं. वहीं चाय और पान की कुछ दुकानों को भी देखा जा सकता है. पतलीपतली गलियों के बीच से होते अंदर जाने पर सैक्स का बाजार दिखता है. यहां छोटेछोटे कमरों में सैक्स का कारोबार करने वाली महिलाएं रहती हैं. इन कमरों का किराया 50 रुपए रोज के हिसाब से देना होता है. सुविधा के नाम पर इन कमरों में कोई इंतजाम नहीं है. कमरे में टूटी चारपाई के पास ही खाना बनाने का सामान रखा होता है. कमरे में गैस का छोटा चूल्हा और 5 किलो वाला गैस सिलेंडर रखा होता है. यहीं इन लोगों को अपना खाना बनाना होता है.
कमरे में बाथरूम का कोई प्रबंध नहीं है. ऐसे में पास के बाथरूम तक इन को जाना होता है. कस्टमर के साथ सैक्स क्रिया करने के लिए ये महिलाएं दूसरे कमरों में जाती हैं. इस का भी किराया इन को ही देना पड़ता है. कस्टमर से होने वाली कमाई में दलाल का अपना हिस्सा भी होता है. पूरे कारोबार के संचालन में दलालों की भूमिका सब से अहम होती है. ये ही इन को पुलिस और दूसरे लोगों से बचाते भी हैं. यह जगह पुरानी बस्ती थाने से केवल 30 मीटर की दूरी पर ही बसी है. देह बाजार का असर बस्ती शहर में लगे होर्डिंग्स पर भी देखा जा सकता है जहां कंडोम के बहुत ही कामोत्तेजक होर्डिंग्स लगे दिखाई देते हैं.