कहते हैं इंसान के विचार समुद्र की लहरों की तरह होते हैं. वे हरदम मचलने को तैयार रहते हैं. वहीं उस की भावनाओं की कोई थाह नहीं होती और भावनाएं ही उसे अपनों से जोड़े रखती हैं. लेकिन यह जरूरी नहीं कि भावनात्मक रिश्ता सिर्फ अपनों से ही हो. वह किसी से भी हो सकता है. कई भावनात्मक रिश्ते ऐसे भी होते हैं जिन का कोई नाम नहीं होता. इन में एकदूसरे के प्रति प्रेम, अपनेपन का भाव तो होता है, लेकिन यह जरूरी नहीं कि इन के बीच शारीरिक आकर्षण भी हो. इसे हम दिल का रिश्ता कहते हैं. इस भावनात्मक रिश्ते का न कोई नाम होता है और न ही इस में उम्र का कोई बंधन होता है. यह कभी भी किसी के साथ भी हो सकता है, लेकिन तभी जब दोनों के विचार आपस में मिलते हों.

अभी हाल ही में पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के 21 वर्षीय बेटे बिलावल भुट्टो और पाकिस्तान की 34 वर्षीय विदेश मंत्री हिना रब्बानी के बीच कुछ ऐसा ही रिश्ता देखने को मिला. इस के बारे में बालाजी ऐक्शन मैडिकल इंस्टीट्यूट की मनोवैज्ञानिक शिल्पी आस्ता का कहना है, ‘‘समय की कमी की वजह से जब हमें अपने साथी से इमोशनल सपोर्ट नहीं मिल पाता तो हमें जहां यह मिलता है, हम उसी की तरफ आकर्षित होते चले जाते हैं.

‘‘आजकल फिजिकल नीड सैकंडरी हो गई है. आज सब को अपने लैवल का साथी चाहिए, एकदम परफैक्ट. वैसे ह्यूमन नेचर यही है कि खानापीना, सैक्स, सेफ्टी मिले तो हम सेफ महसूस करते हैं, लेकिन आजकल लोगों का नजरिया बदल गया है. लोग जिंदगी में ठहराव नहीं चाहते. शारीरिक सुख के साथ उन्हें मानसिक सुख की भी बहुत आवश्यकता होती है. लेकिन अगर आप को अपने लैवल का साथी नहीं मिला है तो इस का मतलब यह नहीं कि आप उसे छोड़ दें या दूसरी ओर मुड़ जाएं. जरूरत है आप को समझदारी दिखाने की. आप समझदारी दिखा कर रिश्ते को संभाल भी सकते हैं.’’

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