हाल के दिनों में शादी टूटने के मामले बहुत अधिक बढ़ बढ़ रहे हैं. वे पति-पत्नी जो हमेशा एक-दूसरे के साथ रहने की कसम खाते हैं, छोटी-छोटी वजहों से अपनी शादी को अलविदा कह रहे हैं.
शादी को सात जन्मों का बंधन माना जाता है. हिंदू धर्म की बात करें तो इस रिश्ते को सबसे पवित्र और अहम माना जाता है . हम सभी को पता है कि जब दो लोग शादी के रिश्ते में जुड़ते हैं तो कुछ चीजें मेल खाती है और कुछ नहीं. ऐसे में विचारों को लेकर थोड़ा मतभेद हो सकता है. लेकिन आजकल छोटी छोटी बातों पर विचार न मिलने से नौबत तलाक तक पहुंच रही है. हाल के दिनों में शादी टूटने के मामले बहुत अधिक बढ़ बढ़ रहे हैं. वे पति-पत्नी जो हमेशा एक-दूसरे के साथ रहने की कसम खाते हैं, छोटी-छोटी वजहों से अपनी शादी को अलविदा कह रहे हैं.आज स्थिति ऐसी हो गई है कि छोटी-छोटी लड़ाई होने पर उसे सुलझाने की जगह बहस की चिंगारी को हवा दी जाती है और फिर बात रिश्ता खत्म करने तक आ जाती है.
छोटी छोटी बातों पर रिश्ता पहुँच रहा है टूटने की कगार पर
आज जहां पसंद का खाना न खिलाने ले जाना , घूमने न ले जाने और शॉपिंग न करवाने जैसी छोटी-छोटी बातों पर लड़ाइयां शुरू हो जाती हैं, वहीं पहले के जमाने में ऐसा नहीं हुआ करता था पहले रिश्ते में धैर्य और एक-दूसरे के लिए प्यार हुआ करता था. पहले लोग किसी भी छोटी बात पर नाराज होकर और मुंह फुलाकर नहीं बैठा करते थे, बल्कि ऐसी बातों को भूल रिश्ते को मजबूत बनाने का प्रयास करते थे लेकिन आज के लोगों में पेशेंस या एक दूसरे के साथ एडजस्ट करने के स्वभाव की बहुत कमी है.
शादी का रिश्ता प्यार ,अपनेपन और विश्वास का रिश्ता है लेकिन आज की मॉडर्न लाइफ में लोगों की लाइफस्टाइल और सोच बदल रही है अब जब तक दोनों एक दूसरे के मन मुताबिक चलते हैं तक तक उनका रिश्ता टिकता है जिस दिन दोनों में से कोई भी एक पार्टनर दूसरे की मर्जी के खिलाफ उस से अलग जाता है सामने वाले को वह बर्दाश्त नहीं होता और रिश्ता टूटने की कगार पर पहुँच जाता है .
अपने रिश्ते को एक चांस जरूर दें
वर्तमान में कोई किसी के सामने झुकना पसंद नहीं करता है. रिश्तों में अब सहनशीलता खत्म होती जा रही है. लोगों में अब रिश्ता तोड़ने से पहले अपने रिश्ते को एक चांस देने का सब्र तक नहीं बचा है. लेकिन ये जल्दबाजी सही नहीं है. कोई भी दो इंसान एक जैसे नहीं हो सकते. दोनों की आदतें, सोचने और जीने का तरीका अलग हो सकता है. ऐसे में एक दूसरे में मीन मेख निकालने की बजाय एक दूसरे में खूबियां ढूंढना सही रास्ता है. किसी को बदलने के बजाय उसे उसी रूप में स्वीकारना चाहिए जैसा वो है. इससे रिश्ते में अपेक्षाएं कम होती हैं और साथ रहना आसान हो जाता है.
जरूरत से ज्यादा उम्मीदें न रखें
पति-पत्नी में अलगाव की सबसे बड़ी वजह एक दूसरे से जरूरत से ज्यादा उम्मीदें करना है. दोनों ही जब खुद को सही और साथी को गलत साबित करने की होड़ में लग जाते हैं तो रिश्ते में खटास बढ़ने लगती है. समझ नहीं आता लोग अन्य रिश्तों में तो आसानी से एडजस्टमेंट कर लेते हैं,लेकिन जब जीवनसाथी की बात आती है तो चाहते हैं कि सामने वाला खुद को हमारे लिए पूरी तरह बदल दे. ये उम्मीदें पति और पत्नी दोनों की तरफ से हो सकती हैं. और जब उम्मीदें बढ़ जाती हैं कि उन्हें पूरा कर पाना संभव नहीं हो पाता, तो कपल का एक साथ रहना मुश्किल हो जाता है.
जल्दबाजी में फैसला न लें
पति हो या पत्नी, रिश्ता तोड़ने से पहले उन्हें एक बार इस बारे में जरूर सोचना चाहिए कि अगर वो कोशिश करते तो क्या अपने रिश्ते को बचा सकते थे? रिश्ता टूटने में उनका खुद का दोष कितना है. पार्टनर को दोषी ठहराने से पहले अपने व्यवहार पर ध्यान दें. कई बार जल्दबाजी में लिए गए फैसले से बाद में पछतावे के सिवाय कुछ हासिल नहीं होता.
शादी निभाना सीखें
शादी का रिश्ता कैसे निभाएं आज यह कोई नहीं सीखा रहा न लड़की के परिवार वाले न लड़के के परिवार वाले न समाज ,न सोशल मीडिया !
हम हाथ पकड़ कर जैसे एबीसीडी अल्फाबेट सीखते हैं वैसे शादी निभाना क्यों नहीं सीख रहे ? अब लड़कियां गाड़ी चलाना ,अकेले ट्रेवल करना ,हायर एजुकेशन जैसी लर्निंग ले रही हैं लेकिन वैवाहिक जीवन कैसे चलाएं यह कहीं से नहीं सीख रहीं न उन्हें कोई सीखा रहा .
पहले यह जिम्मेदारी पत्रिकाएं निभाती थीं .अब शादी से पहले शादी को कैसे चलाएं यह सीखाने गाइड करने के लिए मैरिज काउंसलर भी हैं लेकिन शादी से पहले वे उनके पास भी नहीं जाते. शादी कैसे चलाएं यह शिक्षा दोनों पार्टनर को मिलनी चाहिए. पति को भी सीखना चाहिए कि वह पत्नी की इज्जत करे ,उसकी इच्छा का सम्मान करना सीखे . दोनों का रिश्ता बराबरी का है यह सीखे . तीन चौथाई पुरुष सोचते हैं कि वह पत्नी को पीट सकते हैं उस पर हाथ उठा सकते हैं इस सोच को बदलने की जरूरत है .
पति पत्नी एक दूसरे को संभाल कर रखें
पति पत्नी दोनों को यह सीखने समझने की जरूरत है कि अगर उन्होंने शादी तोड़ी तो उन्हें बहुत कुछ भुगतना पड़ेगा . पहली बात तो यह है कि इस संबंध में कानूनी व्यवस्था बिल्कुल भी आसान नहीं है. दूसरा ,अगर सालों बाद किसी तरह अलग हो भी गए तो दूसरा मिलने वाला कोई नहीं है इसलिए पति पत्नी एक दूसरे को संभाल कर रखें . अदालतों में ही लड़ते लड़ते ज़िंदगी निकल जाए कहीं ऐसा ना हो..