लड़कियों पर अश्लील कमेंट करना या फब्ती कसना लड़कों का फैशन सा बन गया है. वो अक्सर लड़कियों पर इतने गंदे कमेंट करते हैं, कि कभी कभी तो लड़की उन्हें चांटा भी मार देती है, पर ये लड़के कभी अपनी हरकतों से बाज नहीं आते हैं क्योंकि उन्हें तो कमेंट करने की आदत पड़ी हुई होती है ना. तो इस लिए वो तो कमेंट करेंगे ही, चाहे कुछ भी हो जाए, पर कभी किसी ने सोचा है की ऐसे कमेंट से आप पर और उस लड़की पर कितना प्रभाव पड़ता है.

आपके एक कमेंट से उस लड़की को लड़कों से नफरत हो जाती है और वो लड़कों को देखना भी पसंद नहीं करती, क्योंकि जब भी वो इस बारे में सोचती है, तो आपके वो गंदे कमेंट उनको याद आते हैं और इसी वजह से वो लड़कों से नफरत करने लगती है.

सोशल मीडिया में भी महिलाओं पर वार

‘यार गुस्सा क्यों हो रही हो, केवल हंसी मजाक था’, अब इसका मतलब यह नहीं है कि मैं भी ऐसा ही सोचता हूं.’ वो शायद उसकी कोई परिचित महिला मित्र थी. लड़के ने किसी ग्रुप में किसी लड़की के बारे में कोई मजाक किया था. जो उसकी दोस्त को अच्छा नहीं लगा. लड़का सफाई भी दे रहा था और बीच-बीच में यह भी कहता ‘इतना तो चलता है’, ‘सब करते हैं’, ‘और सब भी तो कह रहे थे’, ‘तुम कुछ ज्यादा सोचती हो’.

हमारे आसपास हर रोज ऐस होता है. महिलाओं को टारगेट करते चुटकले, अभद्र शब्द, गालियां और अश्लील टिप्पिणियां बड़ी असानी से कह-सुन ली जाती हैं. सोशल मीडिया ने महिलाओं के प्रति ऑनलाइन हमलों को और तेज कर दिया है. अगर आप सेलिब्रिटी या नेता हैं, धर्म, राजनीति, समाज, खासकर महिलाओं के मुद्दों पर खुलकर राय रखती हैं, तो ऑनलाइन हमलों की आशंका बढ़ जाती है. पढ़े-लिखे कहे जाने वाले लोग महिलाओं को अपमानित करने वाले चुटकले, फोटो व संदेश फॉरवर्ड व शेयर करते चले जाते हैं. महिलाओं की वॉल पर अश्लील बातों से लेकर मार-पीट व यौन शोषण की धमकियां दी जाती हैं.

हाल में अनुष्का शर्मा और दिल्ली पुलिस ऑफिसर मोनिका भारद्वाज दोनों को सोशल मीडिया पर ऐसे ही हमले झेलने पड़े. क्रिकेट प्रेमी अनुष्का को विराट के लिए पनौती बताने में मस्त थे. वहीं मोनिका भारद्वाज का दोष इतना था कि उन्होंने एक डेंटिस्ट की हत्या करने वालों के धर्म के बारे झूठी अफवाहों का खंडन करते हुए मामले को सांप्रदायिक न बनाये जाने की अपील की. नरगिस फाखरी, बरखा दत्त, दीपिका पादूकोण, कविता कृष्णन, श्रुति सेठ, सोनिया गांधी, स्मृति ईरानी, सानिया मिर्जा, सायना नेहवाल, अरूंधति रॉय आदि महिलाओं की एक लंबी फेहरिस्त है, जो ऑनलाइन हमलों का शिकार हुई हैं. महिलाओं के विचार, पार्टी, धर्म, जाति, प्रतिष्ठा, रंग व देह का मजाक बनाते हुए लोग शालीनता की किसी भी तरह की सीमा को आसानी से लांघ जाते हैं. यह केवल गुस्सा, कुंठा, झुंझलाहट नहीं है, कहीं न कहीं इस्तेमाल किए जाने वाले शब्द पुरुषवादी सोच और महिलाओं को कमजोर समझे जाने की मानसिकता का नतीजा हैं. और ऐसा केवल भारत में ही नहीं हो रहा.

कानून में क्या है प्रावधान

भारतीय दंड संहिता की धारा 509 में महिलाओं के शील व सम्मान को ठेस पहुंचाने वाले शब्द, संकेत या हरकत को दंडनीय माना गया है. जिसके लिए जुर्माना व जेल दोनों हो सकती हैं. इसी तरह धारा 354 डी में ऑनलाइन या ऑफलाइन किसी भी तरह से पीछा करना यानी स्टॉकिंग को अपराध माना है. हालांकि ऑनलाइन हमलों के मामलों में कई बार किसी एक की जिम्मेदारी तय करना मुश्किल होता है. खासकर सोशल मीडिया ने ऐसे लोगों को एक मंच दे दिया है, जिन्हें दूसरों को तंग करना, उकसाना, अनावश्यक बहस करना अच्छा लगता है. भले ही आप किसी को जानते हैं या नहीं. ऑनलाइन ट्रोलिंग एक तरह से इस साइबर अपराध को छोटा व सामान्य बना देने की शब्दावली है.

ऐसे में क्या महिलाओं को सोशल मीडिया से दूर रहना चाहिए? बिल्कुल नहीं. नजरअंदाज न करें, पर हर किसी पर चीखना-चिल्लाना भी जरूरी नहीं. जहां जरूरी हैं वहां प्रतिक्रिया भी दें और जरूरत पड़ने पर कानून की सहायता भी लें. आप साइबर सेल और पुलिस की मदद ले सकती हैं.

कोर्ट के विवादित आदेश

इटली की कोर्ट के एक फैसले ने देश में तहलका मचा दिया था. कोर्ट के फैसले के मुताबिक अब आप ऑफिस में महिला को जी भर कर छू सकते हैं. ऑफिस में महिला से छेड़खानी कर सकते हैं. अब यह सब कुछ अपराध की श्रेणी में नहीं आएगा. कोर्ट का कहना है कि ऑफिस में यह सब लीगल है, बशर्तें आपके मन में उस महिला के साथ सेक्स करने का ख्‍याल न आए.

यह फैसला अदालत ने तब दिया जब ऑफिस में साथ काम करने वाले एक 65 वर्षीय आदमी ने अपनी महिला सहकर्मी को छेड़ा था. अदालत का कहना है कि अगर ऑफिस में कोई आदमी आपको मजाक के तौर पर छेड़ता है तो यह यौन हिंसा नहीं है.

इस नियम का इटली की महिलाओं ने विरोध किया. आकड़ों के मुताबिक यहां 16 से 70 साल के बीच हर महिला कभी न कभी शारीरिक और यौन शोषण का शिकार हो चुकी है. ताजा मामले में महिला का आरोप है कि ऑफिस के भीतर पुरुष सहकर्मी उसके साथ छोटे बच्चे की तरह व्यवहार करता है. कोर्ट में जमा दस्तावेजों में महिला ने लिखा है कि वह आदमी उसे पीछे से सहला रहा था.

महिला से छेड़खानी के मामले में कोर्ट ने कहा कि आपकी बातों पर हमें भरोसा है, लेकिन इसके बावजूद आरोपी आदमी को छोड़ दिया गया. कोर्ट ने कहा कि उस व्यक्ति ने महिला को मजाक में छेड़ा था न कि सेक्स संबंध बनाने के लिए. कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर किसी पुरुष ने आफिस में महिला को सेक्स करने की नीयत से छुआ तो उसे सजा मिलेगी, लेकिन कोर्ट ने यह नहीं बताया कि इन स्थितियों में फर्क कैसे किया जाएगा.

इन नेताओं ने की महिलाओं पर अभद्र टिप्पणियां.. लिस्ट में हैं कई बड़े नाम

महिलाओं पर नेताओं की अभद्र टिप्पणियों का इतिहास बहुत पुराना है, चाहे वो हेमा मालिनी के गालों की तरह सड़क बनाने के वादा हो या फिर अभी अभी असम चुनाव जीतकर आई बीजेपी विधायक अंगूरलता पर रामगोपाल वर्मा की अभद्र टिप्पणी..

1. छत्तीसगढ़ के कांग्रेस विधायक अमरजीत भगत ने अंबिकापुर की कलेक्टर रीतू सेन पर अश्लील कमेंट किया था. विधायक ने कहा, ”कलेक्टर हीरोइन हैं, सुन्दर हैं लेकिन काम नहीं करतीं” लेकिन बाद में जब उनके इस कमेंट पर विवाद बढ़ा तो इस पर सफाई में उन्होंने कहा कि मैं तो कलेक्टर की तारीफ़ कर रहा था. अगर कोई मेल कलेक्टर होता तो मैं उसे हीरो कहता.

2. 2014 में कर्नाटक के राज्यमंत्री एमएच अम्बरीश ने मंड्या जिला पंचायत सीईओ रोहिनी सिंदूरी पर आपत्तिजनक कमेंट किया था. एक पब्लिक मीटिंग में उन्होंने कहा था, ”हमारे पास एक नई आईएएस अफसर है जो बहुत खूबसूरत और आकर्षक हैं.”

3. 2013 में यूपी के पूर्व मंत्री राजाराम पांडे ने आईएएस धनलक्ष्मी के लिए कहा, ”डीएम काफी सुंदर है, मीठी आवाज है, काम करने में भी माहिर है… उनका फिगर भी अच्छा है. इनके पहले कामिनी चौहान थीं, वो भी खूबसूरत थीं.”

4. तेलंगाना कैडर की आईएएस स्मिता सभरवाल भी सेक्सिट कमेंट का शिकार हो चुकी हैं. पिछले साल एक मैगजीन ने उनका कार्टून छापते हुए ‘आई कैंडी’ शब्द का इस्तेमाल किया था. लेडी आईएएस ने इस पर करारा जवाब दिया और मैगजीन को कानूनी नोटिस भी भेजा था. स्मिता सभरवाल फिलहाल मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के एडिशनल सेक्रेटरी के तौर पर तैनात हैं. उनका जन्म पश्चिम बंगाल में 19 जून 1977 को हुआ. 2001 में स्मिता ने सिविल सर्विस एग्जाम में चौथी रैंक हासिल की. तब उनकी उम्र महज 23 साल थी.

5. राज्‍यसभा में बीमा बिल पर चर्चा के दौरान शरद यादव ने साउथ की महिलाओं पर एक बेतुका कमेंट किया था. हालांकि यह पहली बार नहीं था कि शरद यादव ने महिलाओं पर ऐसा टिप्पणी की हो, इससे पहले भी कई बार शरद यादव महिलाओं पर अभद्र कमेंट पहले भी करते रहे हैं. इस बार उन्होंने कहा कि साउथ की महिला जितनी ज्‍यादा खूबसूरत होती है, जितना ज्‍यादा उसकी बॉडी. वह देखने में भी काफी सुंदर लगती है. वह नृत्‍य जानती है. शरद यादव के इस कमेंट पर अधि‍कतर सांसद चुटकिया बजा रहा थे.

6. सीपीएम के सीनियर नेता और पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री अनीसुर रहमान ने मर्यादा की सारी हदें तोड़ दी. उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से पूछा कि वह रेप के लिए कितना चार्ज लेंगी. हालांकि, इस पर बवाल होने के बाद उन्होंने माफी मांग ली और कहा कि भूलवश उन्होंने ऐसी बात कह दी.

7. टीएमसी विधायक चिरंजीवी ने रेप पर दिए गए बयान में कहा था कि ऎसी वारदात के लिए कुछ हद तक लड़कियां भी जिम्मेदार हैं क्योंकि हर रोज उनकी स्कर्ट छोटी हो रही हैं. फिल्म जगत से राजनीति में आए चिरंजीवी ने कहा, ‘लड़कियों से छेड़छाड़ कोई नई घटना नहीं है. प्राचीन समय से ही इस तरह की घटना हो रही है. यह मामूली घटना है. इस तरह की घटना नहीं होगी तो फिल्म कैसे चलेगी. फिल्म में खलनायक का होना जरूरी है. रामायण में रावण तो होगा न.’

8. कुपोषण पर इंटरव्यू के दौरान गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि मिडिल क्‍लास परिवारों की लड़कियों को सेहत से ज्‍यादा खूबसूरत दिखने की फ्रिक होती है. उन्होंने कहा था कि अच्छे फिगर की चाहत में लड़कियां कम खाती हैं.

9. 2010 में मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि महिला आरक्षण बिल पास होने से संसद ऐसी महिलाओं से भर जाएगी, जिन्हें देखकर लोग सीटियां बजाएंगे. वहीं एक दूसरे बयान में उन्होंने कहा था कि बड़े घर की लडकियां और महिलाएं ही ऊपर तक जा सकती हैं क्योंकि उनमें आकर्षण होता है. इसलिए महिला आरक्षण बिल से ग्रामीण महिलाओं को कोई फायदा नहीं होगा. समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने कहा था,  “जब लड़के और लड़कियों में कोई विवाद होता है तो लड़की बयान देती है कि लड़के ने मेरा बलात्कार किया. इसके बाद बेचारे लड़के को फांसी की सज़ा सुना दी जाती है. बलात्कार के लिए फांसी की सज़ा अनुचित है. लड़कों से गलती हो जाती है.”

10. हरियाणा प्रदेश कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता धर्मवीर गोयल ने रेप के लिए लड़कियों को ही दोषी ठहरा दिया था. उन्होंने कहा था कि नब्बे फीसदी मामलों में बलात्कार नहीं, बल्कि लड़कियां सहमति से संबंध बनाती हैं.

11. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे और कांग्रेस के सांसद अभिजीत मुखर्जी ने गैंग रेप के खिलाफ दिल्ली में चल रहे विरोध प्रदर्शन पर विवादित बयान देते हुए कहा था की  “हर मुद्दे पर कैंडल मार्च करने का फैशन चल पड़ा है. अभिजीत ने कहा कि लड़कियां दिन में सज-धज कर कैंडल मार्च निकालती हैं और रात में डिस्को जाती हैं.”

12. थाईलैंड के प्रधानमंत्री प्रयूत चान ओचा ने कम कपड़े पहनने वाली महिलाओं को टॉफी बताया था. पीएम ओचा ने इन महिलाओं पर तंज कसते हुए कहा था कि ये महिलाएं ऐसी टॉफी की तरह होती हैं, जिनका रैपर नहीं होता. पीएम ने आगे कहा कि ये टॉफियां खाना लोग पसंद नहीं करते है.

आइये हम आपको दिखाते हैं किस तरह भारत में लोग औरतों से बात करते हैं और जब उनसे पूछा जाता है, तो वे एकदम मुकर जाते हैं, पर उनकी सच्चाई जब लड़कियां बताती हैं, तो क्या होता है…

लिंक पर क्लिक कर देंखें ये वीडियो… यह देखने के बाद शायद सभी आदमियों के गाल गुस्से से लाल हो जाएंगे…

http://www.sarita.in/web-exclusive/after-seeing-this-video-you-will-come-to-know-how-indian-men-approach-women

 

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