पुलवामा हमले के बाद देश की इंटेलीजेंस एजेंसियों पर सवाल उठने लगे हैं. आखिर हम कहां चूक रहे हैं, क्यों चूक रहे हैं? आतंकी 350 किलो विस्फोटक ले कर सीआरपीएफ की गाड़ियों के साथ चल रहा था और हमारी खुफिया एजेंसियां सो रही थीं? पुलिस चेकपोस्ट पर गाड़ियों की जांच क्यों नहीं हो रही थी? राज्य की पुलिस क्या कर रही थी? आतंकी बेखौफ 350 किलो विस्फोटक ले कर सीआरपीएफ बस के साथ चल रहा था और किसी को इस बात की भनक तक नहीं थी? ये चिंता और समीक्षा का विषय है. सर्जिकल स्ट्राइक का इतना शोर मचाने वाली सरकार के काम पर सवालिया निशान लगाता है ये हमला.

सर्जिकल स्ट्राइक और उरी विजय का जश्न मनाने वाली मोदी सरकार के 5 साल में देश में ये 12वां बड़ा आतंकी हमला है. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार देश की सुरक्षा की चिंता छोड़ के एक विशेष राजनितिक पार्टी के सलाहकार बने हुए हैं और हमारे जवान बेवजह जान गवां रहे हैं. पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए हैं और 40 से ज्यादा घायल हैं. हमला इतना भयानक था कि कई गाड़ियों के परखच्चे उड़ गए. सीआरपीएफ का ये काफिला जम्मू से श्रीनगर की ओर जा रहा था और इसमें 78 वाहनों में 2,547 जवान बैठे थे.

आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. पुलवामा हमले के लिए जैश पिछले एक साल से तैयारी कर रहा था. यहां तक कि जैश-ए-मोहम्मद ने प्राइवेट ट्विटर अकाउंट पर एक वीडियो भी जारी किया था, जिसमें आतंकी हमले की संभावना जताई गई थी. इसमें सुरक्षा बलों पर हमले की चेतावनी दी गई थी. फिर भी हमारी खुफिया एजेंसियां इस हमले को रोक पाने में नाकाम हुईं. शर्मनाक!

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