योग को व्यापार बनाने वाले रामदेव का "पतंजलि" अपने आप में एक ब्रांड बन चुका है. इसके लिए रामदेव ने अनेक नाटक नौटंकियां की. खूब आलोचनाएं और प्रशंसा भी पाई है.मगर अब उनके अनेक प्रोडक्ट पर प्रश्न चिन्ह लग गया है. बहुत सारे प्रोडक्ट की बात अगर हम यहां छोड़ रहे हैं और इस रिपोर्ट में हम आपसे योगी रामदेव के सिर्फ "आटे के बिस्किट" के बारे में चर्चा कर रहे हैं. वस्तुत: उन्होंने जब अपने अभिनव आटे से निर्मित बिस्किट को लांच किया था तो बेहतर होने के कारण उसे देश की जनता ने देखते ही देखते हाथों हाथ लिया था.

दरअसल, रामदेव का बिस्किट अन्य कंपनियों की अपेक्षा स्वादिष्ट, सुस्वादु था और यही कारण था कि वह भारी डिमांड में आ गया था.मगर अब यह बिस्किट तीसरे दर्जे की कंपनियों के बिस्कुट जैसा घटिया हो चुका है. जो कि पतंजलि इंडस्ट्री के रामदेव के धीरे-धीरे पतन की कहानी बयां करने जा रहा है.
रामदेव ने आनन-फानन में पतंजलि को खड़ा किया और यह दिखा दिया था कि स्वदेशी और प्राकृतिक की बातें करके किस तरह देश और दुनिया में अपना एक व्यापार का साम्राज्य खड़ा किया जा सकता है. यह सब तो संभव हो गया है.मगर क्वालिटी की अगर बात की जाए तो जो शिकायतें सामने आ रही है उसे पतंजलि को संज्ञान में लेना चाहिए और अपने प्रोडक्ट को बेहतर से बेहतर बनाते हुए आगे बढ़ना चाहिए.
रामदेव के बड़े और चर्चित प्रोडक्ट की बात हम छोड़ दें और आज यहां सिर्फ आटे के बिस्किट की बात करें तो जो जमीनी सच हम आपको बताने जा रहे हैं उस की हकीकत रामदेव को भी पता नहीं है.

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