बढ़ती टेक्नोलौजी और इंटरनेट की दुनिया ने सच में बहुत कुछ बदल दिया है. आज लोग पहनने से लेकर खाने तक के लिए औनलाइन ऐप्लीकेशन्स का सहारा लेते हैं. ऐसे ही एप्लिकेशन्स है जोमेटो और स्वीगी. यह दोनों ही फूड डिलीवरी प्लेटफौर्म हैं जिनके माध्यम से कोई भी घर बैठेबैठे गर्मा-गर्म खाना मंगवा सकता है. इन के तार सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विदेश तक फैले हुए हैं. वैसे ऐसे और भी फूड एप्लीकेशन्स हैं जैसे फूडपांडा, उबरइट्स इत्यादि.

इन एप्लीकेशन्स के साथ कई रेस्टोरेंट जुड़े हुए होते हैं. शुरुआत में इन एप्लीकेशन्स ने रेस्टोरंट के मालिकों से उपयोग करने को कहा. कुछ समय बाद इन कंपनी ने लौजिस्टिक्स कंपनी की मदद से एक बड़ा डिलीवरी नेटवर्क खड़ा कर लिया. इससे लोगों को उन के मनपसंद रेस्टोरंट से गर्मागर्म खाना उनके दरवाजे पर मिलने लगा साथ ही रेस्टोरेंट के चक्कर काटने से उन्हें मुक्ति मिल गई.

अब तो हालत यह है कि घर परिवार के बीच, दोस्तों के बीच, औफिस में कहीं भी, कहीं भी भूख लगती है हम झट से अपना मोबाइल फोन निकाल कर फूड एप्लीकेशन्स की मदद से खाना और्डर कर देते है और सबसे बढ़िया बात तो तब होती है जब फूड के साथ स्पेशल डिस्काउंट मिल जाता है. यानी रेस्टोरेंट से कम पैसे में घर बैठे खाना. लेकिन शायद अब यह डिस्काउंट न मिले.

दरअसल, जोमैटो और स्वीगी जैसी फूड डिलीवरी कंपनियां ज्यादा से ज्यादा ग्राहकों को अपनी तरफ लुभाने के लिए तरह तरह की स्कीम चलाती हैं, डिस्काउंट देती हैं. हाल में ही जोमैटो ने भी जोमेैटो गोल्ड जैसी स्कीम चला रखी है. जिससे ग्राहक को तो फायदा होता है लेकिन रेस्टोरेंट को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

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