छत्तीसगढ़ में बस्तर संभाग  कांकेर के तुमसनार गांव में एक अजीब  घटना घटित हुई. महिला की मौत हो गई ...अंधविश्वास ऐसा की परिवार के पुरुषों ने महिला को कंधा देने से इनकार कर दिया, क्योंकि उन्हें भय था मृतक महिला भूत बनकर उनके जीवन को बर्बाद कर देगी. आज 21वीं शताब्दी में भी ऐसे अंधविश्वास हमारे समाज में फैले हुए हैं,जिन को रोकने के लिए कोई पहल नहीं होती सरकार,समाज मूकदर्शक बना हुआ है. इस घटनाक्रम को देखकर निसंदेह आज कि हमारी सभ्यता शिक्षा- दीक्षा  पर शर्म आती है.

दरअसल, कुछ गांवों में आज भी है मान्यता है कि प्रसूता कि अगर मौत हो जाए  तो  वह  प्रेतनी ,भूत बन जाती है. ऐसा विश्वास करते  हुए पुरुष समाज  अंतिम संस्कार के लिए शव को हाथ भी नहीं लगाते, न गांव के बाहर  जा कर दफनाते, अथवा  मृतका  का संस्कार करते हैं.

पुरुष भाग खड़े हुए !

छत्तीसगढ़ में कांकेर के तुमसनार गांव में अंधविश्वास के कारण परिवार  व मोहल्ले के पुरुषों ने प्रसूता का शव दफनाने से साफ  इनकार कर दिया.यही नही  मृतक संस्कार के दरमियान भाग खड़े हुए.यही नहीं उन्होंने साफ साफ कह दिया कि शव को कंधा भी नहीं दे सकते. तत्पश्चात  रीति नीति के अनुरूप  गांव की महिलाओं ने ही अंतिम यात्रा निकाली और शव गांव के बाहर जंगल में दफनाया.  महत्वपूर्ण बात यह है कि महिलाओं ने शव यात्रा निकाली और मृतक महिला को खटिया पर लिटा कर कांधा देते हुए गांव के बाहर चली गई.  यहां ऐसा अंधविश्वास है कि किसी प्रसूता का शव गांव में दफनाने से वह भूत बन जाती है. प्रसूता के शव को शादीशुदा पुरुष हाथ भी नहीं लगाते.तुमसनार की सुकमोतीन कांगे (32) ने राजस्थान के पंकज चौधरी (30) से तीन  वर्ष पूर्व मे शादी की थी. सुकमोतीन मां बनने वाली थी, उसे प्रसव के लिए कांकेर के जिला अस्पताल लाया गया जहाँ 15 अक्टूबर की रात 2.30 बजे उसने बच्चे को जन्म दिया,  मगर शिशु की आधे घंटे बाद ही मौत हो गई.सुकमोतीन को जब इस बारे में पता लगा तो थोड़ी देर बाद  उसने भी दम तोड़ दिया.

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