अभी तक टैलीविजन और अखबार पर बड़ेबडे मौडल और सैलिब्रिटीज ब्रैंड प्रमोशन किया करते थे. अब मार्केटिंग के क्षेत्र में पारंपरिक ट्रैंड से अलग सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर्स भी ब्रैंड प्रमोशन करने लगे हैं. ब्रैंड और इन्फ्लुएंसर्स के बीच मार्केटिंग एजेंसीज का दखल बढ़ गया है. इन के पास टीम होती है जो यह बताती है कि किस ब्रैंड का प्रमोशन, कौन सा इन्फ्लुएंसर करे और उस के मीम्स किस तरह के कंटैंट के लिए तैयार हों जिन को देखने वाले देखें और जो रील प्रमोशन के लिए बनी है वह वायरल हो. टीम वाले यह बताते हैं कि सोशल मीडिया प्लेटफौर्म का उपयोग किस तरह किया जाए कि जिस के जरिए नए ग्राहकों तक सरलता से पहुंचा जा सके.

जैसेजैसे सोशल मीडिया का मार्केट बढ़ रहा है वैसेवैसे इन मार्केटिंग कंपनियों की संख्या भी बढ़ रही है. कई मार्केटिंग कंपनियां इनहाउस काम करती हैं. उन की पूरी टीम होती है जिन में कंटैंट राइटर, वीडियो फोटोग्राफर, एडिटर और ग्राफिक डिजाइनर होते हैं. इस के अलावा मार्केटिंग में काम करने वाले लोग भी होते हैं. कई मार्केटिंग कंपनियां फ्रीलांसर के साथ काम करती हैं. जैसेजैसे सोशल मीडिया के उपयोग करने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है वैसेवैसे इस सैक्टर में काम के अवसर भी बढ़ रहे हैं.

एक अनुमान के अनुसार 2024 में सोशल मीडिया उपयोग करने वालों की संख्या 517 करोड़ तक पहुंच जाएगी. बढ़ रहा कारोबार यूएस ब्यूरो औफ लेबर स्टैटिस्टिक्स का अनुमान है कि विज्ञापन, प्रचार और मार्केटिंग मैनेजरों के लिए नौकरियों में 2032 तक 6 प्रतिशत की वृद्धि होगी जो औसत से दोगुना अधिक है. सोशल मीडिया प्लेटफौर्म में सब से ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले प्लेटफौर्म में फेसबुक, एक्स, यूट्यूब और इंस्टाग्राम शामिल हैं. इन के अलावा व्हाट्सऐप, पिनटेरेस्ट, लिंक्डइन जैसे और प्लेटफौर्म्स हैं. आमतौर पर लोगों को यह पता नहीं होता है कि वे अपना नैटवर्क कैसे बढ़ाएं.

इस काम में मार्केटिंग कंपनियां मदद करती हैं. भारत में कई कंपनियां अच्छा काम भी कर रही हैं. पिनस्ट्रोर्म डिजिटल मार्केटिंग करती है. बीसी वैबवार सब से पुरानी डिजिटल मार्केटिंग कंपनियों में से एक है. सोशल मीडिया पर प्रचार करने के साथसाथ यह वैब डैवलपर, वैब डिजाइनिंग, औनलाइन मार्केटिंग और मोबाइल मार्केटिंग आदि भी करती है. ब्रेनवर्क टैक्नोलौजीज भी पूरे देश में मार्केटिंग का काम कर रही है. गौरैया की शुरुआत 1996 में हुई थी. यह ब्रैंड मार्केटिंग, सोशल मीडिया प्रमोशन, कंटैंट राइटिंग आदि प्रदान करने का काम करती है.

क्या कहते हैं इन्फ्लुएंसर्स

कुछ कंपनियां ऐसी हैं जो केवल इन्फ्लुएंसर्स के सहारे अपनी मार्केटिंग करती हैं. वे सोशल मीडिया पर बगुले की तरह से निशाना लगाए रहती हैं. जैसे ही कोई इन्फ्लुएंसर दिखता है वे उसे मार्केटिंग करने का औफर देते हैं. कई लोग इन्फ्लुएंसर्स को काम दिलाने के बहाने उन का शोषण भी करते हैं. लखनऊ की रहने वाली कल्पना यादव कहती हैं, ‘मेरे इंस्ट्राग्राम पर 10 हजार फौलोअर्स जैसे ही हुए तो मेरे पास एक मैसेज आया कि हम आप को काम दिलाएंगे. पहले काम के बदले प्रोडक्ट्स मिलते थे. ‘इस तरह से मैं ने ब्यूटी प्रोडक्टस के बदले काम किया. यह सिलसिला 4-5 माह तक चला. फिर मुझे पता चला कि जो मार्केटिंग कंपनी मेरा काम देख रही थी वह मेरे काम के बदले तो नकद पैसा लेती थी लेकिन मुझे कुछ ब्यूटी प्रोडक्ट्स मिलते थे.

शुरूशुरू में बहुत अच्छा लगा लेकिन कुछ ही दिनों में इन से मन भर गया. तब मैं ने अपने मैनेजर को मना कर दिया. इस के बाद मैं ने खुद काम तलाशना शुरू किया. आज भले ही हमारे पास काम कम है लेकिन नकद पैसा मिलता है.’ इंस्ट्राग्राम पर इन्फ्लुएंसर के रूप में काम करने वाली रीता शर्मा कहती हैं, ‘मुझे मार्केटिंग कंपनी से जो विज्ञापन मिले वे सभी फैशनेबल ड्रैस के होते थे. इन के बदले कपड़े मिलते थे. शूटिंग के लिए जिसजिस तरह के औफर मिलते थे वे मुझे पसंद नहीं थे.

मार्केटिंग कंपनी दबाव डालने का काम करती थी. ऐसे में इन्फ्लुएंसर के लिए जरूरी है कि वे मार्केटिंग कंपनी की जगह पर खुद अपनी मार्केटिंग करें. इस से इन्फ्लुएंसर्स को लाभ होगा. मार्केटिंग कंपनियां इन्फ्लुएंसर्स और ब्रैंड के बीच बिचौलिए के रूप में बिजनैस कर के लाभ कमाती हैं.’ डायरैक्ट मार्केटिंग कैसे करें? डायरैक्ट मार्केटिंग करने से पहले जरूरी है कि अपनी औडियंस को अच्छी तरह से जान लें. जैसे एक कपड़ों से जुड़े बिजनैस को प्रमोट करना चाहते हैं तो सब से पहले यह जानना जरूरी है कि आप की कंपनी का उत्पाद किस तरह के लोग पहनना पसंद करेंगे. उस के हिसाब से ही टारगेट औडियंस बना कर आप किसी भी तरह का प्रमोशन अपने लिए चुन सकते हैं.

सोशल मीडिया साइट की कोई कमी नहीं है. ऐसे बहुत से प्लेटफौर्म्स हैं जहां अपने ब्रैंड के बारे में लोगों के साथ बातचीत कर सकते हैं और इस तरह की साइटें प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं. यहां पर सब से ज्यादा जरूरी चीज है कि अपने बिजनैस के हिसाब से सोशल मीडिया प्लेटफौर्म का चयन करना होगा. अगर एक टारगेट औडियंस का डाटा हो जिस से पता रहे कि आप का प्रोडक्ट किस तरह के लोग इस्तेमाल करते हैं तो उस के हिसाब से आप सोशल मीडिया का चयन करते हुए लोगों तक सोशल मीडिया मार्केटिंग कर सकते हैं. सोशल मीडिया के जरिए प्रमोशन करने के लिए सब से ज्यादा जरूरी है कि आप के पास एक कैलेंडर पहले से बना होना चाहिए.

अगर आप सोच रहे हैं कि आप तुरंत किसी भी तरह का कंटैंट या किसी भी तरह की ऐड बना कर प्रमोशन शुरू कर देंगे तो वह कभी लोगों पर वैसा असर नहीं कर पाएगी जैसा कि आप चाहते हैं. इसीलिए हो सके तो हरेक सोशल मीडिया चैनल के लिए आप अलग तरह का कैलेंडर बनाएं. वीडियो कंटैंट इमेज या दिए गए लिंक के मुकाबले लोगों में बहुत ज्यादा लोकप्रिय होते हैं. वीडियो कंटैंट लोगों पर अपना असर ज्यादा दिखाता है, इसीलिए जितना ज्यादा हो सके अपने बिजनैस के बारे में वीडियो शेयर करने की कोशिश करें. इस के अलावा यह भी देखा गया है कि सोशल मीडिया प्लेटफौर्म वीडियो फौर्मेट को अपनी न्यूज फीड में ज्यादा से ज्यादा जगह देते हैं. सोशल मीडिया जगत में जो दिखता है वही बिकता है. प्रोडक्ट भले ही कितना अच्छा हो, अगर आप उस को सही तरह से लोगों के सामने सोशल मीडिया पर नहीं दिखा पा रहे हैं तो बहुत अच्छा प्रोडक्ट होते हुए भी उस के बिकने या आगे बढ़ने का स्कोप कम हो जाता है.

सोशल मीडिया पर प्रमोशन करने के बाद पौजिटिव और नैगेटिव दोनों तरह के फीडबैक का सामना करना पड़ेगा. पौजिटिव फीडबैक हर किसी को अच्छा लगता है पर हमेशा ध्यान रहे कि फीडबैक ही ऐसा है जो आप के बिजनैस को ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए काम आता है, इसीलिए अगर आप को अपने कस्टमर की तरफ से किसी भी तरह का फीडबैक मिल रहा है तो जल्द से जल्द उस का समाधान करने की कोशिश करें. सोशल मीडिया प्लेटफौर्म पर देखा गया है कि एक ही तरह की चीजों में दिलचस्पी रखने वाले लोग एकदूसरे से जुड़ना पसंद करते हैं.

ऐसे में अगर हो सके तो अपने बिजनैस से जुड़े हुए लोगों को एक कम्युनिटी में जोड़ने की कोशिश करें. जितने ज्यादा लोग आप की कम्युनिटी में होंगे उतने ही लोग आप के बिजनैस और आप के प्रोडक्ट में दिलचस्पी दिखाएंगे. मार्केट में बहुत ही उचित दामों पर ऐसे बहुत से टूल्स मिलते हैं जिन के जरिए सोशल मीडिया प्लेटफौर्म पर अपनी पोस्ट को शैड्यूल कर सकते हैं. इस में फायदा यह रहता है कि किसी भी समय अपनी पोस्ट को अपने पेज पर डाल सकते हैं. इसीलिए इस तरह के सोशल मीडिया टूल्स को इस्तेमाल करने से परहेज न करें. इन्फ्लुएंसर्स को चाहिए कि वे मार्केटिंग कंपनी के जाल में फंसने की जगह अपना बिजनैस प्रबंधन खुद करें. डायरैक्ट मार्केटिंग यानी डीएम इन्फ्लुएंसर्स के लिए बेहतर होगा.

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