कहर पे कहर, एक तरफ पूरी दुनिया में कोविड 19 अपने पैर पसार चुका है और मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. लोग घरों में रहने को मजबूर हैं. वहीं भूकंप से बारबार धरती हिल रही है, भले ही झटके तेज न हों, पर लोगों के दिल जरूर दहला रही है. उधर आसमान में उड़ रही लाखों टिड्डियों के फसलों पर बैठ जाने के चलते बरबाद हो रही खेती से किसानों की कमर टूट रही है.

कुदरत के कहर के चलते  एक ओर जहां बिहारअसम में बाढ़ देखने को मिल रही है, वहीं बिहार और उत्तर प्रदेश में आकाशीय बिजली गिरने के चलते अलगअलग इलाकों में कइयों की जानें जा चुकी हैं.

ये भी पढ़ें- लड़की में क्या क्या ढूंढते हैं लड़के 

पूरे उत्तर भारत में मानसून का सीजन होने के कारण लगातार बारिश हो रही है. दिल्ली और आसपास के इलाकों में 19 जुलाई को तेज बारिश हुई और जगहजगह पानी भर गया था. वहीं नई दिल्ली के मिंटो ब्रिज के नीचे इतना पानी भर गया कि एक बस ही डूब गई, वहीं एक आदमी की मौत भी हो गई. आईटीओ के नाले के पास बने तकरीबन 10 कच्चे मकान भी बह गए.

इतना कुछ होने के बाद भी प्रकृति का रौद्र रूप अभी थमा नहीं है. उत्तराखंड के हरिद्वार में हर की पौड़ी में 20 जुलाई, 2020 की देर रात तकरीबन ढाई बजे ब्रह्मकुंड के पास तेज बारिश होने के साथ ही आकाशीय बिजली गिरी और 80 फुट की दीवार ढह गई.

lightening-in-Haridwar-2

यह आकाशीय बिजली ट्रांसफार्मर पर गिरी और 80 फुट की दीवार मलबे में तबदील हो गई. लेकिन गनीमत यह रही कि लौकडाउन और रात का समय होने के चलते आवजाही नहीं थी, जिस से किसी जानमाल का नुकसान नहीं हुआ.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
  • देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
  • 7000 से ज्यादा कहानियां
  • समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
 

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD100USD79
 
सब्सक्राइब करें

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
  • देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
  • 7000 से ज्यादा कहानियां
  • समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
  • 24 प्रिंट मैगजीन
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...