गोदी मीडिया और सरकार के निशाने पर रहे देश के 3 केंद्रीय विश्वविद्यालयों ने सरकार द्वारा ही की तैयार की गई रैंकिंग में 36 केंद्रीय विश्वविद्यालयों को पछाड़ कर टौप स्थान हासिल किए हैं. यह सीधासीधा गोदी मीडिया, सरकार और सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के मुंह पर तमाचा है. सत्ताधारी नेता सन्न रह गए हैं और चापलूस टीवी मीडिया इस पर डिबेट नहीं कर रहा.

दिल्ली के 2 केंद्रीय विश्वविद्यालय जामिया मिल्लिया इसलामिया (जेएमआई) व जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय (जेएनयू) और उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ मुसलिम विश्वविद्यालय (एएमयू) को हालिया दिनों में जितना बदनाम करने की कोशिश की गई और वहां पढ़ने वाले स्टूडैंट्स को निशाना बनाया गया, उतना ही इन तीनों यूनिवर्सिटियों के स्टूडैंट्स शिक्षा के क्षितिज पर स्टार बन कर चमक रहे हैं.

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टारगेट पर रहे, उभरे टौप पर :

केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय की सूची में पहले टौप 4 में से 3 वे विश्विद्यालय हैं जो पिछले 5-6 सालों से लगातार मीडिया और मोदी सरकार के मंत्रियों के निशाने पर रहे हैं. इस सूची में सब से ऊपर जामिया है तो टौप फोर यानी पहले 4 में एक बार फिर जेएनयू का नाम भी आया है. इस के अलावा अलीगढ़ मुसलिम विश्विद्यालय का नाम भी शामिल है.

वर्ष 2019-20 सैशन के लिए केंद्र सरकार की रैंकिंग में जामिया ने देश में 39 केंद्रीय यूनिवर्सिटियों को पीछे छोड़ते हुए टौप रैंक हासिल किया है. जामिया के बाद दूसरे नंबर पर अरुणाचल प्रदेश की राजीव गांधी यूनिवर्सिटी और तीसरे नंबर पर जेएनयू है, जबकि एएमयू ने चौथा मुक़ाम हासिल किया है. बता दें कि जामिया को 90 फ़ीसदी स्कोर के साथ रैंकिंग में पहला नंबर मिला है. राजीव गांधी यूनिवर्सिटी को 83, जेएनयू को 82 और एएमयू को 78 फ़ीसदी पौइंट्स मिले हैं.

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