Driving Skills : आज महिलाएं बड़ीबड़ी कंपनी संभाल रही हैं, लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि महिला गाड़ी का स्टीयरिंग नहीं संभाल सकती हैं. लोगों का मानना है कि अगर महिला सड़क पर गाड़ी ले कर निकली है, तो पक्का किसी का काम तमाम करेंगी. क्या यह सिर्फ लोगों की मैंटेलिटी है या रियलिटी? आइए जानते हैं.

“ड्राइविंग सीट पर बैठ 2 लड़कियों ने मचाया बवाल यूपी पुलिस का जवाब हुआ वायरल”

हाल ही में एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिस में 2 महिलाएं गाड़ी चलाते हुए डांस करती नजर आ रही हैं. उन्हें इस तरह लापरवाही से ड्राइविंग करते हुए देख लोग काफी गुस्सा हो रहे हैं और इस पर पुलिस का भी जवाब आया है. “लड़की गाड़ी चला रही है एक्सीडैंट तो होना ही था” साथ ही सोशल मीडिया पर महिलाओं को उन की इस हरकत पर कोसा भी जा रहा है.

जब ड्राइविंग की बात आती है तो अधिकांश लोगों की यही सोच सामने आती है कि महिलाएं कभी भी अच्छी ड्राइवर नहीं हो सकतीं और लड़कियों/महिलाओं का काम घर संभालना है न कि गाड़ी के ब्रेक.

यही कारण है कि निम्न कुछ आम स्टेटमैंट सड़क पर कोई भी व्हीकल चलाने वाली लगभग हर लड़की को सुनने को मिलते हैं –

‘खुद तो मरेंगी और दूसरों की जान भी लेंगी, पता नहीं कौन इन्हें गाड़ी चलाने को दे देता है.’
‘लड़की चला रही है दूर ही रहो नहीं तो हाथ पैर टूट जाएंगे.’
‘सड़क पर कहीं जाम लग गया तो पक्का ड्राइव करने वाली लड़की ही होगी.’
‘ये देखो, राइट इंडिकेटर दे कर लेफ्ट टर्न ले रही, पक्का कोई लड़की गाड़ी चला रही होगी.’
‘कुछ लोग तो यह भी कहते हैं कि औरतें अच्छी गाड़ी नहीं चलातीं, क्योंकि वे डरपोक होती हैं.’
‘गाड़ी अगर रौंग साइड पर है तो पक्का ड्राइवर महिला ही होगी.’

महिलाओं को ड्राइविंग के रूल्स नहीं पता होते

भले ही आज महिलाएं बड़ीबड़ी कंपनी संभाल रही हैं, चांद पर जा रही हैं लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि महिलाएं गाड़ी का स्टेयरिंग नहीं संभाल सकती हैं. यहां कुछ कारणों पर चर्चा की गई है कि आखिर क्यों औरतों की ड्राइविंग स्किल्स का मजाक बनाया जाता है और इसे कैसे बदला जा सकता है.

गाड़ी चलाते समय भी मल्टीटास्कर

अधिकांश महिलाएं गाड़ी चलाते समय भी मल्टीटास्किंग करती हैं, जैसे फोन पर बात करना, अगर बच्चे साथ हैं तो लगातार पीछे मुड़ कर बच्चों को चिप्स या जूस न गिराने के लिए कहना, अपने ‘गर्लगैंग’ के व्हाट्सएप ग्रुप पर हो रही चैट के मैसेज पर नजर रखना, मेकअप टचअप करना और फिर रियर व्यू मिरर को वापस उसी स्थिति में लाना भूल जाना, अपने मूड के हिसाब से सही गाना ढूंढने के लिए लगातार चैनल बदलना, मेड, मां या टेलर को फोन करना. किसी भी महिला के ये सब निश्चित रूप से रोड और स्टीयरिंग से ध्यान हटाने के लिए पर्याप्त होते हैं, जिस के कारण ही उन की गाड़ी किसी से टकराती है और उन्हें सुनने को मिल जाता है “क्यों देते हो इन्हें गाड़ी चलाने के लिए.”

गियरअप बिल्कुल नहीं…

देखा गया है, अधिकांश महिलाएं दूसरे या तीसरे गियर में गाड़ी चलाती हैं और एक्सीलेटर दबाती रहती हैं और ऐसे में बेचारा इंजन भी अपनी किस्मत को रोता है और दया की भीख मांगता है कि मुझे बक्श दो लेकिन मैडम इस पर ध्यान देने के मूड में नहीं होती हैं.

ब्रेक- कभी भी, कहीं भी

वे बिना कोई सिग्नल दिए या स्पीड कम किए अचानक कहीं भी ब्रेक लगा देती हैं. कई बार उन्हें याद नहीं रहता कि उन्हें किस मोड़ पर टर्न लेना था और वे अचानक कहीं भी टर्न ले लेती हैं.
महिलाओं को उन की ड्राइविंग स्किल्स पर जोक्स का सामना न करना पड़े इस के लिए महिलाओं को ड्राइविंग करते समय निम्न बातों पर अवश्य ध्यान देना चाहिए.

* फोन पर बात न करें, फोन ड्राइव करते समय सब से बड़ा डिस्टरैक्शन होता है, सड़क पर से ध्यान हटाने के लिए, इसलिए ड्राइव करते समय फोन कौल्स अटेंड न करें.
* माना कि आज की महिलाओं को घर और औफिस दोनों को देखना पड़ता है और आज शाम को खाने में क्या बनेगा, औफिस में मीटिंग में क्या होगा, बच्चे स्कूल पहुंच गए होंगे. इन सब बातों की चिंता करनी पड़ती है लेकिन कृपया महिलाएं ड्राइव करते समय इन बातों के बारे में न सोचें सिर्फ अपनी ड्राइविंग पर ध्यान दें.
* कुछ महिलाएं इतनी मल्टीटास्कर होती हैं या कहें उन्हें ढेरों काम के बीच जल्दबाजी में घर में खाना खाने का समय नहीं मिलता तो वे बहुत बार एक हाथ से स्टैयरिंग थामे दूसरे हाथ से खाना खाती हैं. ऐसा न करें, एक समय में एक ही काम करें वरना पक्का आप की गाड़ी किसी से भिड़ेगी और आप को सुनने को मिल ही जाएगा ‘खुद तो मरेंगी और दूसरों की जान भी लेंगी पता नहीं कौन इन्हें गाड़ी चलाने को दे देता है.”

• कुछ महिलाएं जल्दबाजी में ट्रैफिक रूल्स की धज्जियां उड़ाते हुए रेडलाइट जंप करने से बाज नहीं आतीं, इसलिए भी साथ में गाड़ी चलाने वालों को मुसीबत का सामना करना पड़ता है और उन के मुंह से निकल ही जाता है “लड़की चला रही है दूर ही रहो नहीं तो हाथ पैर टूट जाएंगे.”
•कई महिलाओं को देखा है वे ओवरकौन्फिडैंस में गाड़ी बहुत तेज स्पीड में चलाती हैं और आसपास वालों की जान से खेलने का काम करती हैं ऐसा हरगिज न करें .

• गाड़ी चलाते हुए महिलाओं का एक और सब से फेवरेट काम होता है अपने मेकअप या लिपस्टिक को टचअप करना जिस के कारण उन्हें साथी पुरुषों ड्राइवर्स के कमेंट्स का सामना करना पड़ता है, आप ही सोचिए सड़क पर गाड़ी चलाते हुए मेकअप टचअप करना भला कहां की समझदारी है.

महिलाएं कृपया सुरक्षित ड्राइव करें, स्मार्ट ड्राइव करें!

हाल ही में हुए एक शोध में यह बात सामने आई है कि महिला चालक पुरुषों की तुलना में कम समय गाड़ियां चलाती हैं. जहां एक पुरुष औसतन 60 फीसदी समय गाड़ी चलाने में बिताता है, वहीं महिलाएं 40 फीसदी समय ही स्टेयरिंग पर बिताती हैं और वे ज्यादा असुरक्षित तरीके से गाड़ी चलाती हैं. महिलाओं के दुर्घटना का शिकार होने का खतरा अधिक रहता है.
शोधकर्ताओं के मुताबिक महिलाओं को क्रौस रोड, टीजंक्शन और स्लिप रोड पर स्वाभाविक तौर पर गाड़ी चलाने में दिक्कत पेश आती है. शोध में एक अन्य अनोखी बात भी सामने आई है कि पुरुषों की तुलना में ऊंचाई कम होने के कारण महिलाएं आमतौर पर अपनी बाईं ओर से आने वाली गाड़ियों को ठीक नहीं देख पातीं और दुर्घटना कर बैठती हैं.

42 वर्षीय वंदिता इस बारे में कहती हैं कि मेरे पापा ने मुझे कार चलाना सिखाया था और शुरूशुरू जब मैं कालेज गाड़ी ले कर जाती थी तो मेरे दोस्त मेरा मजाक उड़ाते थे. वे कहते थे कि आज कितनों को अस्पताल पहुंचा कर आई हो. शुरुआत में काफी डर लगता था, लोग देखते थे कि लड़की गाड़ी चला रही है तो ओवरटेक करने की कोशिश करते या आगे से जा कर रास्ता रोक लेते, लेकिन मैं ने लोगों की बातों को ध्यान नहीं दिया और आज मुझे गाड़ी चलाते हुए 20 साल हो गए हैं. मैं गाड़ी चलाते समय सिर्फ सड़क पर ध्यान रखती हूं और ट्रैफिक के रूल्स को फौलो करती हूं,फोन पर बात नहीं करती, मेकअप टचअप नहीं करती और मैं ने आज तक कोई एक्सीडैंट नहीं किया.

बिना किसी भेदभाव के हो सेफ ड्राइविंग

कार खरीदने में महिलाओं की बढ़ी हिस्सेदारी ड्राइविंग की बात करें तो अब सिर्फ पुरुष ही नहीं, बल्कि महिलाएं भी कार ड्राइव करने में पीछे नहीं हैं. वे लंबे ट्रैवल और अपनी पर्सनल जरुरत के लिए ड्राइविंग करने लगी हैं. ड्राइविंग एक ऐसी स्किल है जो न केवल किसी की आजादी को बढ़ाती है बल्कि आत्मनिर्भर भी बनाती है, जरूरत है बिना किसी भेदभाव के उस स्किल को सही तरह से सीखने और ट्रैफिक रुल्स को फौलो करते हुए अपनी और सब की जान की सुरक्षा करते हुए अपनी अपनी मंजिल पर पहुंचने की फिर चाहे वह पुरुष हो या महिला.

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