सोशल मीडिया चलाने वाला युवा भले घर के कोनों में लगे मकड़ी के जालों को न जान रहा हो पर वह रजत दलाल को जरूर जानता है, जो आजकल इंटरनैट का डौन या गैंगस्टर के नाम से जाना जा रहा है. वही रजत दलाल जो सोशल मीडिया पर फिटनैस टिप्स देने के नाम पर लफंगई किया करता है, लोगों को धमकाता है और जस्टिस के नाम पर कानून अपने हाथ में लेता है.
अहमदाबाद के रहने वाले रजत दलाल के इंस्टाग्राम पर 10 लाख से ज्यादा फौलोअर्स हैं. ये फौलोअर्स कैसे और क्यों इस से जुड़ गए, यह सोचने वाली बात है पर 6 जून को अहमदाबाद पुलिस ने रजत को गिरफ्तार किया तो इन 10 लाख में से कोई एक उस के बचाव में नहीं आया.
इंटरनैट पर रजत, एल्विश, मैक्सटर्न और न जाने कितने गुंडई दिखाने वाले ढेरों लफंगे उग आए हैं, जो गालीगलोज कर, एकदूसरे को धमकियां दे कर, फालतू के बवाल खड़े कर के व्यूज और फौलोअर्स बटोर रहे हैं. ये इंटरनैट पर विवाद खड़े कर रहे हैं, कभी धर्म की आइडैंटिटी ले कर तो कभी जाति की आइडैंटिटी ले कर. रजत दलाल उन्हीं में से एक है, जिसे इंटरनैट का डिजिटल गुंडा कहा जा सकता है.
हाल ही में रजत को गिरफ्तार किया गया, वजह यह थी कि उस पर आरोप है कि उस ने 18 साल के एक लड़के को अगवा कर उस के साथ मारपीट की और उस के मुंह पर पेशाब किया. बताया जा रहा है कि मामला तब शुरू हुआ जब लड़के ने रजत दलाल का एक वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, जिस के बाद रजत ने गुस्से में आ कर लड़के की पिटाई कर दी.
मामला क्या है
लड़का एक कालेज का स्टूडैंट है. कथित तौर पर उस से टौयलेट साफ कराया गया और उस के मुंह पर गोबर भी डाला गया. बात यहीं खत्म नहीं हुई, मारपिटाई के बाद लड़के को उस के घर के सामने छोड़ते हुए उस की मां को भी धमकाया गया कि हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता, हम ‘हरियाणा’ के जाट हैं.
इस मामले में लड़के और उस की मां ने पुलिस से शिकायत की, जिस के बाद पुलिस ने रजत दलाल और उस के साथियों को गिरफ्तार कर लिया. दरअसल, लड़के ने रजत के जिम के अंदर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया. उस ने उस में कैप्शन लिखा कि “रोज सुबह अपना मुंह (रजत) जिम में दिखा कर मेरा दिन खराब करता है.”
बताया जा रहा है कि रजत का जो वीडियो लड़के ने पोस्ट किया वह खूब वायरल हुआ, जिस के बाद रजत ने युवक को सोसायटी के बाहर बुलाया और अपने दोस्तों के साथ उसे अगवा कर लिया. रजत दलाल और उस के साथियों ने लड़के को गालियां दीं और पूछा कि ‘तेरी हिम्मत कैसे हुई मेरा वीडियो बनाने की. मैं तुझे टुकड़ेटुकड़े कर दूंगा, तुझे छोड़ने वाला नहीं हूं.’
इस के बाद रजत दलाल और उस के साथी उस युवक को जगतपुर स्थित ग्रीन गैल्स सोसायटी के एक फ्लैट में ले गए और उस को पीटते हुए फ्लैट का टौयलेट साफ कराया. लड़का जब पिटाई से बेहोश हुआ तो उस के चेहरे पर पेशाब कर दिया. जब लड़का होथ में आया, तो रजत ने घर छोड़ दिया.
कहा जा रहा है कि रजत दलाल ने उस की मां से कहा, ‘मैं इस लड़के को जान से भी मार सकता था, लेकिन यह बहुत छोटा है, सो इसे छोड़ रहा हूं. मैं हरियाणा का जाट हूं. यहां मेरे बड़े लोगों से कनैक्शन हैं. पुलिस मेरा कुछ नहीं बिगाड़ पाएगी, वह मेरी जेब में है.’
देखने वाले जिम्मेदार
अब आते हैं इस की मूल वजह पर कि यह घटना हुई क्यों और इस तरह के लफंगे इन्फ्लुएंसर्स को बढ़ावा कहां से मिलता है? दरअसल इस में जितनी गलती रजत दलाल जैसों की है उस से कहीं ज्यादा उस जैसों को देखने वाले युवाओं की है. वे रजत दलाल जैसे टौक्सिक इन्फ्लुएंसर्स से इन्फ्लुएंस हो बैठते हैं और फेमस होने के लिए वही हरकतें कर बैठते हैं जो सही नहीं हैं.
इस वीडियो में पिटने वाला युवा उस ट्रैंड का शिकार हो गया जिस में रजत की पिछली लड़ाई से पिटने वाले और पीटने वाले को फेम मिली थी. फौलोअर्स बढ़ाने के ये शौर्टकट पैतरे हर दूसरा लुक्खा इन्फ्लुएंसर अपनाने लगा है. वे जानबूझ कर कोई बवाल करते हैं ताकि उन की वीडियोज को हाइप मिले.
एल्विश और मैस्कटर्न की नौटंकी
मामला फरवरी-मार्च महीने का है जब यूट्यूबर्स एल्विश यादव और मैक्सटर्न के बीच लड़ाई हुई थी. मैक्सटर्न का आरोप था कि एल्विश ने उसे अपने साथियों के साथ मिल कर बुरी तरह पीटा. जान से मारने की धमकी भी दी. इसे ले कर मैक्सटर्न ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई थी.
पुलिस ने एल्विश को 12 मार्च तक मामले में पेश होने के लिए नोटिस भेजा था. लेकिन 10 मार्च की शाम को एल्विश यादव ने एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट अपलोड की जिस के कैप्शन में लिखा, “भाईचारा औन टौप”. बताया गया कि दोनों के बीच रजत दलाल ने सुलह करवाई. लेकिन मामला यहीं नहीं रुका, इस के बाद रजत का झगड़ा किसी और गैंग से शुरू हो गया और इंटरनैट पर ही लफंगों की गैंगवार शुरू हो गई. खबर यह भी थी कि यह सब फेमस और पौपुलैरिटी लेने के लिए स्टंट था.
यह तो नहीं कहा जा सकता कि हाल की घटना भी पौपुलैरिटी पाने के लिए किया गया स्टंट था मगर पिछले ट्रैक उठा कर देखें तो इस पर संदेह तो किया ही जा सकता है. सारा माजरा जल्दी वायरल होने का रह गया है. लड़के ने भी रजत पर पोस्ट कर के फेमस होने की ही कोशिश की. हो भी सकता है, लड़का जल्दी फेमस होने की जुगत में रहा हो और अगर यह न भी हो तो भी बेमतलब के पोस्ट सोशल मीडिया पर होगी तो इस तरह की चीजें सामने आएंगी ही.
रजत दलाल का बुरा प्रभाव
रजत के फौलोअर्स उसे सिग्मा मेल मानते हैं सिर्फ इसलिए क्योंकि उस की बोलचाल में गालियां हैं. वह अपनी रील्स में या तो जिम में लिफ्टिंग कर रहा होता है या चलतेफिरते मोनोलोग करता है जिस में गालियां ही गालियां होती हैं. वह खुलेतौर पर जान से मारने की धमकियां देने और एंटरटेनमैंट के नाम पर ट्रैफिकरूल की धज्जियां उड़ाते दिखाई देता है.
कुछ समय पहले उस ने सड़क की रौंग साइड पर 100 किमी/घंटा की रफ्तार से गाड़ी चलाते हुए खुद की एक वीडियो रिकौर्ड की थी. इस में वह न केवल अपनी जिंदगी को खतरे में डाल रहा था बल्कि कितनों के लिए खतरे का कारण बना होगा. सड़कों पर ऐसी रैश ड्राइविंग करना कितना खतरनाक हो सकता है, यह पोर्शे कार क्रैश के उदाहरण से समझा जा सकता है. हैरानी तो यह कि इसे वह वीडियो कैप्चर करता है और सोशल मीडिया पर भी साझा करता है, लेकिन बावजूद इस के, पुलिस सच में उस पर कुछ ऐक्शन नहीं लेती.
उस की रील्स की छानबीन की जाए तो युवाओं को टौक्सिसिटी के अलावा कुछ भी देखने को नहीं मिलेगा. चार डंबल उठा लेने से और मुंह से गालियां देने से अगर फौलोअर्स बढ़ जाते हैं तो इस से बड़ी दुर्गति और क्या ही हो सकती है युवाओं के लिए.
रजत दलाल जैसे इन्फ्लुएंसर्स को गलत कारणों से फेम और पैसा मिला रहा है और चिंता इस बात की है कि युवा सोशल मीडिया पर उसे भी देख रहा है. उस की हरकतें युवाओं पर गलत इंपैक्ट डाल रही हैं. वह जस्टिस के नाम पर कानून अपने हाथों में लेता है, चाहे वह सही हो या गलत. ऐसा करने का अधिकार उसे किस ने दिया?