हिंदू धर्म ऐसे प्रसंगों से भरा पड़ा है जहां औरतों को जबरन भोग्या बनाया गया है. धर्माचार्यों व ढोंगियों के कृत्य व अत्याचार को चुपचाप तथाकथित प्रसाद के नाम पर औरतों ने धर्मसम्मत समझ सहा है. लेकिन, आज कुछ युवतियों ने बुलंद आवाज कर साहस का परिचय देते हुए इन ढोंगियों को नंगा कर दिया है.

मुमुक्षु आश्रम का अधिष्ठाता स्वामी चिन्मयानंद अपने ही कालेज में कानून की पढ़ाई करने वाली 24 वर्षीया छात्रा के साथ बलात्कार करने के आरोप में जेल पहुंच गया. नग्नावस्था में लड़की से मसाज कराते उस के वीडियो के सामने आने पर जनसाधारण ने देखा कि धर्म की आड़ में कैसा खेल खेला जा रहा है.

स्वामी चिन्मयानंद ने धर्म के सहारे अपनी राजनीति शुरू की थी. वह राममंदिर आंदोलन के दौरान देश के उन प्रमुख संतों में था जो राममंदिर निर्माण की राजनीति कर रहे थे. सत्य जो भी हो, जांच में सामने आ ही जाएगा. परंतु, इस प्रकार की घटनाओं से जनसाधारण की श्रद्धा व आस्था का घायल होना स्वाभाविक है.

आध्यात्मिक जगत के कभी चमकते सितारे रहे आसाराम बापू और रामरहीम यौनाचार व बलात्कार मामलों में सजा भुगत रहे हैं. आसाराम और चिन्मयानंद में अंतर केवल इतना है कि आसाराम केवल संत था और मंच पर कृष्ण बन कर रासलीला करता हुआ युवतियों को कामक्रीड़ा के उद्देश्य से अपनी ओर आकर्षित करता हुआ पंडाल में बैठी श्रद्धालुओं की भीड़ पर कभी फूलों की वर्षा करता था तो कभी होली का रंग बरसाता था, जबकि चिन्मयानंद अतिविशिष्ट व्यक्ति अर्थात सांसद व मंत्री भी रहा है.

रामरहीम की एक साध्वी के अनुसार, ‘‘साधु बनने के 2 वर्षों बाद एक दिन महाराज गुरमीत रामरहीम की परम शिष्या साध्वी गुरुजोत ने रात को 10 बजे मुझे बताया कि आप को पिताजी ने गुफा  (महाराज के रहने का स्थान) में बुलाया है. गुफा में ऊपर जा कर मैं ने देखा, महाराज बैड पर बैठे हैं. उन के हाथ में रिमोट है, सामने टीवी पर ब्लू फिल्म चल रही है. बैड पर सिरहाने की ओर रिवौल्वर रखी हुई है. मैं यह सब देख कर हैरान रह गई. मुझे चक्कर आने लगे. महाराज ऐसे होंगे, मैं ने सपने में भी नहीं सोचा था.

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