घटना एक- छत्तीसगढ़ की न्याय धानी बिलासपुर के करबला में एक 10 साल के लड़के ने आत्महत्या कर ली. परिजन बता नहीं पा रहे कि कारण क्या हो सकता है.
घटना दो- छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिला के ग्राम देवरी में एक 11 साल के लड़के ने आत्महत्या कर ली. फांसी लगाकर की गई इस आत्महत्या के पीछे कारण, परिजनों का डांटना माना जा रहा है.
घटना तीन- सरगुजा जिले के एक गांव में एक 12 वर्ष की लड़की ने कर ली आत्महत्या. 10 साल की लड़की थी अवसाद में.
छत्तीसगढ़ के औद्योगिक नगर कोरबा जिला के कुसमुंडा थाना क्षेत्र के गेवराबस्ती में महज 11 साल की किशोरी ने आत्महत्या कर ली. परिजनों के अनुसार उसने अपने को, घर के कमरे के भीतर बंद कर लिया और दुपट्टे को फंदा बनाकर झूल गई. यह पूरा वाकया 27 जनवरी 2020 की सुबह का है. बड़ी देर तक जब वह बाहर नही आई तो मां ने वहां से गुजर रहे एक ऑटो ड्राइवर से दरवाजा खोलने सहयोग मांगा. जब किवाड़ तोड़कर जब वे भीतर दाखिल हुए तो दृश्य देखकर उनके होश उड़ गए. किशोरी की लाश फंदे पर लटक रही थी. लड़की की मां उसके परिजन यह अनुमान से बाहर का हकीकत भरा नजारा देखकर, जार जार रोने लगे, मगर घटना तो घटित हो चुकी थी. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि एक नाबालिग जिसकी उम्र मात्र 11 वर्ष है, वह आत्महत्या जैसा कदम क्यों उठाती है?
इस संदर्भ में समाज विज्ञानी एवं मनोवैज्ञानिकों ने अनुसंधान किए हैं. और निरंतर अनुसंधान जारी है. दरअसल, यह माना जाता है कि यह उम्र जब लड़के, लड़कियां अट्ठारह वर्ष तक के होते हैं तब बेहद भावुक होते हैं रोमानी दुनिया मे विचरण करते हैं. और भावनाओं में बहकर कोई भी ऐसा कदम उठा देते हैं जो उनकी जिंदगी पर भारी पड़ जाता है. हमारे आस पास ऐसी अनेक घटनाएं घटित होते रहती हैं. मगर परिवारजनों की समझदारी के बगैर इन घटनाओं को रोका नहीं जा सकता.