उत्तर प्रदेश के शहर मेरठ के वीआईपी व पौश एरिया सिविललाइंस में पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों के औफिस, आवास, सर्किट हाउस, पुलिस मुख्यालय, कलेक्ट्रेट, कचहरी और पुलिस लाइन हैं. इसी इलाके में कई समृद्ध लोगों के अपने आवास भी हैं. उन्हीं में से एक आलीशान कोठी नंबर 36/4 थी, जो रिटायर्ड कर्नल देवेंद्र विश्नोई की थी. वह कोई मामूली आदमी नहीं थे. कई साल सेना में नौकरी कर के उन्होंने देश की सेवा की थी.

सन 1971 में हुई भारतपाकिस्तान की जंग में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी. बाद में वह पंजाब में हुए औपरेशन ब्लूस्टार का भी हिस्सा रहे. उन के साहस की निशानियां फोटो और मैडल के रूप में उन के ड्राइंगरूम की दीवारों पर सजे थे. कई सम्मान भी उन्हें मिले थे. कुल मिलाकर उन की पृष्ठभूमि शौर्य, साहस और सम्मान की अनोखी मिसाल थी, उन्हें जानने वाले इन बातों को बखूबी जानते थे.

बात सिर्फ इतनी ही नहीं थी, कर्नल साहब का एकलौता बेटा प्रशांत विश्नोई भी देश का जानामाना शूटर था. मजबूत कदकाठी और रौबदार चेहरे वाले प्रशांत की पत्नी और 2 बेटियां थीं. सभी एक साथ इसी कोठी में रहते थे. कर्नल परिवार के ईंट के भट्ठे और जमीनों के अलावा सिक्योरिटी एजेंसी का बड़ा काम था. विश्नोई परिवार करोड़ों की दौलत का मालिक तो था ही, आसपास उस की शोहरत भी थी.

कर्नल परिवार की लाइफस्टाइल हाईप्रोफाइल थी. आसपास की कोठियों में और भी लोग रहते थे, लेकिन कर्नल परिवार किसी से कोई वास्ता नहीं रखता था. वैसे भी शहरों में लोग इस तरह की जिंदगी जीने के आदी हो गए हैं. पड़ोसी को पड़ोसी की खबर नहीं होती.

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