22 मई, 2017 को केरल के तिरुवनंतपुरम की एक अदालत में इसलिए भीड़ जुटी थी, क्योंकि उस रोज देश के चर्चित चोर बंटी को एक केस में सजा सुनाई जानी थी. वही बंटी, जिस की देश भर के थानों में फोटो लगी है, जो केवल दिल्ली में ही 400 से अधिक चोरी की वारदातों को अंजाम दे चुका है. बौलीवुड की सफल फिल्म ‘ओए लक्की लक्की ओए’ इसी शख्स के जीवन पर आधारित थी. इतना ही नहीं, बंटी टीवी के प्रसिद्ध रियलिटी शो बिग बौस के 2010 में प्रसारित चौथे सीजन में भी हिस्सा ले चुका है. यह बात अलग थी कि नियम तोड़ने की वजह से उस की इस शो से शुरू में ही विदाई हो गई थी.
बता दें कि एक ही व्यक्ति द्वारा अपने अकेले के दम पर 300 से अधिक चोरियां करने का रिकौर्ड बनाने पर बंटी का नाम विश्व कीर्तिमान के रूप में गिनीज बुक औफ वर्ल्ड रिकौर्ड्स में दर्ज है. इस से पिछला रिकौर्ड 180 चोरियों का था, जो एक विदेशी चोर के नाम था. हालांकि इस चोर की दास्तान एकदम साधारण सी है, जबकि बंटी की जीवनगाथा इतनी रोचक है, जिस के सामने काल्पनिक रोमांच कथाएं भी फीकी पड़ जाएं.
बंटी का जन्म 28 दिसंबर, 1971 को दिल्ली के विकासपुरी निवासी किरपाल सिंह सग्गू के यहां हुआ था. उस का पूरा नाम था देविंदर सिंह सग्गू. परिवार से उसे कभी प्यार या अपनापन नहीं मिला था. जराजरा सी बात पर उस की पिटाई हो जाया करती थी.
पिता की नफरत का शिकार बंटी नौवीं क्लास की पढ़ाई बीच में ही छोड़ घर से भाग निकला था. रात गुजारने का ठिकाना उस ने पालिका बाजार की खुली छत को बनाया और पेट भरने का साधन ढूंढा गुरुद्वारा बंगला साहिब के लंगर में. 2-3 दिनों बाद ही उसे एक कार गैरेज में 10 रुपए रोजाना पर कार धोने की नौकरी मिल गई. एक दिन शाम को जब उसे मेहनताना नहीं मिला तो उस ने महावीरनगर में एक घर से 2 हजार रुपयों की चोरी कर ली. यह उस की पहली चोरी थी.