देश भर में बीते तीन चार सालों से शुरू हुआ चुनरी यात्रा का चलन अब शबाब पर है और इतने शबाब पर है कि चुनरी यात्राओं पर हेलीकाप्टर से फूल बरसाए जाने लगे हैं जिससे भक्तों का दिल बहलता रहे और धर्म की दुकानदारी और फले फूले. नवरात्रि के दिनों में तो चुनरी यात्रा धार्मिक प्रदर्शन और पैसा कमाने  में किस तरह काम में आती है इसका एक नजारा मध्यप्रदेश के छोटे से जिले रायसेन में देखने में आया जहां चुनरी यात्रा पर हवाई पुष्प वर्षा की गई. लाखों रुपये इस काम पर खर्चे गए तो जाहिर है करोड़ों इससे कमाए भी गए होंगे.

हजारों मीटर लंबी चुनरी यात्राएं अब हर कहीं निकलते देखी जा सकती हैं. इन यात्राओं में देवी माता की चुनरी औरतें ही सर पर रखकर ढोती हैं. कोई हजार दो हजार औरतें लाइन लगाकर एक के पीछे एक कर चलती हैं और देवी दुर्गा के जयकारे लगाती रहती हैं. रास्ते में इनके स्वागत के लिए जगह जगह पांडाल लगाए जाते हैं जिनमें चाय पानी और फलाहार आदि के इंतजाम रहते हैं .

दुकानदारी का सच

भोपाल में एक ऐसी ही चुनरी यात्रा का मुआयना जब इस प्रतिनिधि ने किया तो पता चला इस चुनरी यात्रा में 10 से 12 साल की लड़कियों से लेकर बूढ़ी औरतें तक चुनरी सर पर लटकाए चल रहीं थीं. दोपहर की तीखी धूप से तो इनके गले सूख ही रहे साथ ही ये लोग पैरों में चप्पल तक नहीं पहने थीं. पूछने पर पता चला कि अव्वल तो नौ दिन चलने वाले उपवास के दिन नंगे पैर ही रहा जाता है और जो कुछ औरतें किसी वजह से चप्पल पहन भी लेती हैं वे भी चुनरी यात्रा में नंगे पांव ही चलती हैं फिर भले ही तलुवों मे फफोले पड़ जाएं इनका जोश बनाए रखने को मर्द भी आगे आगे चलते हैं .

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