झारखंड की नाबालिग लड़कियों को मानव तस्करों के चंगुल से छुड़ाकर दिल्ली और हरियाणा से रांची लाया गया है. मंगलवार को दूसरे राज्य से अपने घर पहुंचने के बाद लड़कियों ने राहत की सांस ली. नाबालिगों ने जो पर्दाफाश किए हैं, वे रोंगटे खड़े करने वाले हैं. लड़कियों ने बताया कि उन्हें नौकरी, पढ़ाई व घुमाने का लालच देकर दिल्ली ले जाया गया था, जहां मानव तस्कर प्रभा मिंज मुनी का पति रोहित मुनी उन्हें लगातार हवस का शिकार बनाता था. हर रोज दुष्कर्म किया जाता था. विरोध करने पर बर्बरतापूर्वक पीटा जाता था. कई लड़कियां आपबीती सुनाते हुए रोने लगीं. इस मामले में प्रभा को गिरफ्तार कर लिया गया है.

मानव तस्करों के चंगुल से मुक्त नाबालिग लड़कियां गुमला, साहेबगंज, सिमडेगा, पाकुड़, गिरिडीह, लोहरदगा, गोड्डा समेत अन्य जगहों की हैं. इन्हें संबंधित जिलों की बाल कल्याण समिति के प्रभारियों के हवाले कर दिया गया है. तीन को फिलहाल प्रेमाश्रय में रखा गया है. दो दिन पूर्व दिल्ली एटीएस ने जिस किंगपिन प्रभा को गिरफ्तार किया है, वही काम का लालच देकर इन लड़कियों को दिल्ली ले गई थी. आरोपित प्रभा के चंगुल से मुक्त गोड्डा जिला की एक नाबालिग ने बताया कि किस तरह काम के नाम पर प्रभा और उसका पूरा परिवार उसे प्रताड़ित करता था. विरोध करने पर निर्वस्त्र कर पीटा जाता था. चाकू से भी वार किया जाता था.

चंडीगढ़ बाल संरक्षण आयोग ने निभाई अहम भूमिका

चंडीगढ़ बाल संरक्षण आयोग के बीके गोयल और शक्ति वाहिनी ने लड़कियों की बरामदगी से लेकर इलाज कराने में अहम भूमिका निभाई. कई महीनों तक चंडीगढ़ और बाद में दिल्ली के अस्पताल में इलाज कराया. दिल्ली में जब लड़कियों का इलाज चल रहा था तब उनसे मिलने वाली झारखंड बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष आरती कुजूर ने बताया कि उनकी हालत बहुत खराब थी. डॉक्टरों ने स्पष्ट कहा था कि लड़कियों की स्थिति गंभीर है और अभी इसे यहां से ले नहीं जाया जा सकता. सेहत दुरुस्त होने के बाद अब वे अपने घर लौट पाई हैं. शक्ति वाहिनी सभी लड़कियों को तस्करों से मुक्त कराने के बाद दिल्ली बाल कल्याण समिति की अनुशंसा पर रांची लेकर आई. रांची रेलवे स्टेशन पर इन्हें रिसीव करने के लिए झारखंड बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष आरती कुजूर व शक्ति वाहिनी से ऋषिकांत समेत अन्य लोग उपस्थित थे.

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