पाकेटमार अब नई ट्रिक के साथ सिर्फ भीड़भाड़ वाले बाजार में घूम रहे हैं. बाजार में जानबूझ कर टकराना, सौरी बोलना, ध्यान भटकाना जैसे काम में वे माहिर हैं. वारदात करते समय वे एक से ज्यादा होते हैं. ज्यादातर लोगों को इन पर शक भी नहीं होता क्योंकि वे नाबालिग होते हैं.

इन पाकेटमार के टारगेट पर महंगा मोबाइल फोन व नोटों भरा पर्स होता है. इन का एरिया जानापहचाना होता है. आनेजाने व भागने के सारे रास्ते इन्हें बखूबी मालूम होते हैं. कई बार सीसीटीवी कैमरों की फुटेज से वे पहचाने गए और पकड़े गए.

दरअसल, पुलिसिया जांच में कुछ सुराग हाथ लगे हैं, मसलन नाबालिगों को दिहाड़ी पर रखा जा रहा है. उन्हें नई ट्रिक के साथ भीड़ भरे बाजार में उतारा जा रहा है. भीकाजी कामा प्लेस, दरियागंज, कनाट प्लेस में हनुमान मंदिर, शिवाजी स्टेडियम के अलावा पहाडग़ंज थाने के पास, करोल बाग इलाके में अजमल खां रोड, राजेंद्र प्लेस के अलावा तमाम ऐसी जगहें शामिल हैं जहां शाम होते ही भीड़ जुटती हो.

खचाखच भरी बस हो और नोटों से भरा पर्स साथ में हो, ये पाकेटमार बखूबी जान जाते हैं कि इस शख्स के पास पैसा मिलने की उम्मीद है तो किसी न किसी तरह वारदात को अंजाम देने में कोताही नहीं बरतते हैं.

अगर आप से भीड़भाड़ भरे बाजार में अचानक कोई जानबूझ कर जबरन टकरा जाए और पलट कर सौरी बोलते हुए लिपटने की कोशिश करे तो सतर्क हो जाएं. मुमकिन है कि आप को पाकेटमार ने अपना निशाना बना लिया है क्योंकि पाकेटमारों का भी गैंग होता है. आजकल दिल्ली के आसपास 'सौरी गैंग' काफी सक्रिय है.

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