Apaar ID : सरकार को लगता है कि औन लाइन व्यवस्था से ही सब ठीक हो सकता है. शिक्षा मंत्रालय स्कूली छात्रों के लिए ‘अपार’ आईडी बनाने का काम कर रही है. इस अभियान को तेज करने के लिए उत्तर प्रदेश में 11 फरवरी को ‘अपार’ दिवस मनाया गया. इस दिन तक उत्तर प्रदेश में कक्षा 9 से 12 के छात्रों की 50 फीसदी ‘अपार’ आईडी बन चुकी थी.

महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने सभी बीएसए यानि बेसिक शिक्षा अधिकारियों को कहा है कि जल्द से जल्द ‘अपार’ आईडी बनाने का काम पूरा करें. ‘अपार’ यानि औटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट में छात्रों का पूरा विवरण दर्ज किया जा रहा है. यह आईडी सरकारी और प्राइवेट दोनों ही स्कूलों के छात्रों की बन रही है.

अपार आईडी में छात्र का नाम, लिंग, जन्मतिथि, पता, पेरैंट्स का नाम, दोनों के आधार नंबर, स्कूल का विवरण, फोटो, मार्कशीट, सर्टिफिकेट, डिग्री, डिप्लोमा, प्रमाण पत्र, कैरेक्टर सर्टिफिकेट, स्कूल ट्रांसफर सर्टिफिकेट रहेंगे. इन में कहीं अंतर होने पर ‘अपार’ आईडी नहीं बनेगी.

सरकार का तर्क है कि ‘अपार’ आईडी के जरिए सभी छात्रों की शैक्षणिक जानकारी एक जगह पर उपलब्ध होगी. यह आधार कार्ड की तरह ही एक तरह का आईडी है. इस में छात्रों की मार्कशीट, डिग्री, सर्टिफिकेट और अन्य उपलब्धियां डिजिटल रूप से सुरक्षित रहेगी.

सरकार के तुगलकी फैसलों के चलते लोगों के पास तमाम तरह की आईडी और कार्ड बन गए हैं. इस तरह के विवरण औनलाइन दर्ज होने से गोपनीयता भंग होती है. इतनी सारी आईडी रखना सिर दर्द है. सरकार न नौकरी दे पा रही न परीक्षाओं में नकल रोक पा रही बस आईडी पर आईडी बना रही है.

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