राजधानी रायपुर के  पुलिस  के अंधविश्वास की इंतिहा यह है कि पुलिसकर्मियों में भूत-प्रेत का ऐसा भय व्याप्त हो चुका है कि वर्दीधारी पुलिसकर्मी अपने साथ नींबू और मिर्च तक लेकर चल रहे हैं.यही नहीं नहीं पूजा -पाठ की सामाग्री भी साथ में रखते हैं. पुलिसकर्मी इतने अंधविश्वास में डूबे हुए हैं कि  कोई भी जल्दी से वाहन 112 {टाइगर-2} के परिचालन के लिए तैयार नहीं होता है जब किसी की ड्यूटी लगाई जाती है तो उसकी धिग्गी बंध जाती है.अफसरों के भय से यदि कोई पुलिसकर्मी वाहन चलाता  है, तो उसकी सारी रात दहशत में व्यतीत होती है.

भूत भगाने टोटका जारी

अगर भूत का यह किस्सा किसी गांव देहात का होता किसी छोटे शहर का होता तो आप इसे पूर्ण भगत लोगों की भूत प्रेत की काल्पनिक सोच कहते. मगर छत्तीसगढ़ की राजधानी की पुलिस जब भूत प्रेत की बात करती है तो यह समझने की बात है कि हमारे बीच अंधविश्वास भूत प्रेत का रूढ़ बकवाद किस तरह घर कर गया है. संबंध में डॉक्टर जीआर पंजवानी बताते हैं दरअसल इस भूत के पीछे मनोविज्ञान काम करता है और जब कोई इसके संजाल में फंस जाता है तो देखा देखी और लोकगीत हंसते चले जाते हैं यही सब कुछ इन दिनों छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की पुलिस

महकमे की कहानी है. ऐसी पुलिस जो कठोर प्रशिक्षण प्राप्त करती है जिन्हें जीवन की सच्चाई से रूबरू होना पड़ता है आए दिन अपराध घटित होते हैं और उन्हें वह अपनी विवेचना में लेते हैं ऐसा महकामा अंधविश्वास के मायावी जाल में फंसा हुआ है यह एक शर्मनाक स्थिति के अलावा और क्या हो सकता है. स्थिति राजदीपम तब बन जाती है कि जब पुलिस विभाग के कर्मचारी भूत भगाने के लिए किसी तांत्रिक को बुलाते हैं और नींबू मिर्च का प्रयोग कर समाज को दिखाते हैं कि देखो भूत प्रेत होता है....!

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