हमारे देश की पहचान दुनिया में एक शिक्षित प्रगतिशील देश की नहीं बल्कि एक पिछड़े हुए देश की है जहां पग पग पर अशिक्षा है, अंधविश्वास है. शायद  यही कारण है कि छोटी-छोटी बातों पर यहां टोना टोटका शुरू हो जाता है ऐसे में,  अब जब आषाढ़ सावन लग चुका है तब जहां एक तरफ भगवान शिव की अराधना मे  लोग अपनी जीभ मंदिरों में चढ़ा रहे हैं वहीं दूसरी तरफ वर्षा ऋतु के लिए मेढक की शादी भी करा रहे हैं. यह सब देखकर आश्चर्य होता है कि हमारे देश में आज भी कैसा अंधविश्वास कूट-कूट कर भरा हुआ है यह तब अतिवाद पर पहुंच जाता है जब मंत्री और आईएएस,आईपीएस अंधविश्वास की शरण में दिखाई देते हैं. छत्तीसगढ़ में ऐसे ही कुछ दृश्य इन दिनों दिखाई दे रहे हैं प्रस्तुत है आपके लिए एक विशेष रिपोर्ट-

शिव भक्ति ऐसी की जीभ काट चढ़ा दी

सावन का महीना शुरू हो चूका है. ऐसे में शिव मंदिर में भक्तों की कतार लगी दिखाई देती  है. लेकिन ऐसा भी एक भक्त है जिसकी भक्ति अंधविश्वास और रूढ़िवादिता की पराकाष्ठा पर पहुंच गई ईश्वर को खुश करने के लिए उसने अपनी जीभ काटकर मंदिर में चढ़ा दी अब मजे की बात यह है कि गांव भर में पूजा-पाठ का दौर जारी है.  भगवन शिव को अपनी जीभ काटकर अर्पित कर देने की यह घटना  जिला कोरबा के करतला-सेन्द्रीपाली की है. यहां एक अंधविश्वासी अपढ़  भक्त लक्ष्मी प्रसाद ने भगवान शिव को रिझाने अपनी जीभ काटकर भगवान शिव में अर्पण कर दी. और जैसा कि हमारे देश में होता है भक्त के इस अराधना की खबर लगते ही श्रद्धालुओं का वहां पर तांता लग गया है.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...