सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को निर्भया मामले के चार दोषियों को मिली मौत की सजा बरकरार रखी है. निचली अदालत ने मुकेश, पवन, विनय शर्मा और अक्षय कुमार सिंह को मौत की सज़ा सुनाई थी जिसे दिल्ली हाई कोर्ट ने बरकरार रखा था. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के बाद 27 मार्च को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि चारों दोषियों को रियायत नहीं दी जा सकती. जस्टिस भानुमति की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने कहा, "इस बर्बरता के लिए माफी नहीं दी जा सकती, अगर किसी एक मामले में मौत की सजा हो सकती है तो वो यही है. निर्भया कांड सदमे की सुनामी था."

वहीं निर्भया की मां आशा देवी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मैं सारे समाज का धन्यवाद करती हूं. उम्मीद करती हूं कि हम आगे और भी बच्चियों के लिए ऐसी लड़ाई लड़ेंगे. कहीं न कहीं लचर व्यवस्था तो है, लेकिन आज कोर्ट में साबित हो गया कि न्याय में देर है, अंधेर नहीं.."

निर्भया मामले में कब-कब क्या हुआ?

16 दिसंबर, 2012 : दिल्ली के मुनिरका में छह लोगों ने एक बस में पैरामेडिक छात्रा से सामूहिक बलात्कार किया. घटना के बाद युवती और उसके दोस्त को चलती बस से बाहर फेंक दिया गया.

18 दिसंबर, 2012 : राम सिंह, मुकेश, विनय शर्मा और पवन गुप्ता को इस मामले में गिरफ़्तार किया गया. 21 दिसंबर को मामले में एक नाबालिग को दिल्ली से और छठे अभियुक्त अक्षय ठाकुर को बिहार से गिरफ़्तार किया गया.

29 दिसंबर, 2012 : पीड़िता ने सिंगापुर के एक अस्पताल में दम तोड़ा.

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